इन दिनों हरियाणा के हिसार जिले के बेटे लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा चारों ओर चर्चा का विषय बने हुए हैं, क्योंकि वह 45 दिन में 45 मैराथन पूरी करने वाले दुनिया के इकलौते वर्दीधारी सैनिक बन गए है।
दरअसल इन दिनों आजादी का अमृत महोत्सव के तहत भारतीय नौसेना ने प्रदेश के सभी जिलों में 30 अक्टूबर से 35 मैराथन 35 दिन में पूरी करने के लक्ष्य रखा था। यह मैराथन 3 दिसंबर को दिल्ली में समाप्त हुई थी। यह मैराथन 1500 किलोमीटर की थी,जो दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से शुरू हुईं थीं।

इसी मैराथन के तहत देवदत्त शर्मा ने अपना लक्ष्य 100 मैराथन 100 दिन में पूरी करनें का रखा था। देवदत्त रोजाना हिसार के इर्द गिर्द 42.2 किमी की दौड़ पूरी करते हैं। अब 13 दिसंबर को उन्होंने 45 मैराथन पूरी कर ली हैं।बता दे कि उन्होंने ये मैराथन 5 दिसंबर को शुरू की थीं।
इसी के साथ वे अब दुनिया के इकलौते वर्दीधारी सैनिक बन चुके हैं जिन्होंने 45 दिन में 45 मैराथन पूरी की है। उनका लक्ष्य है हिंदुस्तान का हर आदमी स्वस्थ रहे।

लेफ्टिनेंट कमांडर से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि, उन्होंने हिसार के गाँव खरबला से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी कर चुके हैं। उनका जीवन संघर्षों से कूट कूट कर भरा हुआ था। महज 9 वर्ष की आयु में उनके पिता का साया उन से उठ गया। NDA का एग्जाम वह 5 बार में भी क्लियर नहीं कर पाए।
इसके बाद साल 2016 में उन्होंने भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशन लिया। शर्मा ने लगातार प्रेरणादाई संवादों को कार्यान्वित करने के लिए अपना नाम गिनीज तथा लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया।
इसके अलावा उन्हें एडवेंचर करनें का भी पूरा शोक हैं। वह एक आयरन मैन की तरह है।वह तैराक, साइकिलिंसट, धावक, युद्धिय गोताखोर, अल्ट्रा रनर, पर्वतारोही, योग प्रशिक्षक, कवि तथा मोटिवेशनल स्पीकर हैं।