प्रदेश में महामारी का संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है। बच्चे, जवान, बुज़ुर्ग सब धीरे-धीरे इसकी चपेट में आ रहे है। पानीपत में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमे एक शिशु का संक्रमण के साथ ही जन्म हुआ। बताया जा रहा है कि यह संक्रमण उसे अपनी माँ के कारण हुआ जो पहले से ही संक्रमित थी।

शिशु के पिता को सबसे पहले संक्रमित पाया गया था जिसके बाद उन्होंने ख़ुद को आईसोलेट कर लिया था। जब उनकी पत्नी के नौ महीने पूरे हो गए और वह डिलीवरी कराने अस्पताल पहुँची।
तब वहाँ डॉक्टर्स को जैसे ही भनक लगी कि उनके पति संक्रमित है तब उन्होंने महिला का भी रैपिड टेस्ट करवाया, जिसमे में उनकी रिपोर्ट पॉज़िटिव पाई गई। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने उनकी डिलीवरी करने से मना कर दिया।
इसके बाद महिला ने कई अस्पतालो के चक्कर काटे परंतु हर तरफ़ से उन्हें ना ही सुनने को मिली। आख़िर में सिवाह के पास स्थित आयुष्मान अस्पताल के डॉक्टर्स ने विचार विमर्श के बाद महिला की डिलीवरी करने का फ़ैसला किया।
इसके बाद डॉ. कृष्णा सांगवान और डॉ. राहुल ने 13 अप्रैल को महिला की डिलीवरी कराई। डिलीवरी के बाद माँ और बच्चे को अलग कर दिया गया और नवजात शिशु का टेस्ट कराया गया, जिसमे उसकी रिपोर्ट पोज़िटिव आई।

फिलहाल दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है। डॉक्टर्स की माने तो हरियाणा में बच्चे के गर्भ में ही संक्रमित होने का यह पहला मामला हो सकता है।
डॉक्टर्स ने लोगों को हिदायत दी कि इस महामारी को हल्के में ना ले, व मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग आवश्यक रूप से करे व सोशल डिस्टेनसिंग के नियमो का ठीक तरह से पालन करे।
डिलीवरी के बारे में बताते हुए डॉ. कृष्णा सांगवान ने कहा कि महिला की डिलीवरी करना उनका परम कर्तव्य था, व गर्भपात की आखरी स्टेज होने के कारण महिला की डिलीवरी बेहद ज़रूरी थी।

पानीपत में लगातार संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है, गुरुवार को 219 नए मरीज़ संक्रमित पाए गए। महामारी से अब तक जिले में अब तक 174 मौतें हो चुकी है, व प्रदेश में यह आँकड़ा 3366 तक पहुँच चुका है। ऐसे में प्रशासन लोगों को यही हिदायत दे रहा है कि वह किसी तरह की लापरवाही न बरतें व नियमों का सुचारू रूप से पालन करें।