हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को भिवानी के राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल व राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्थापित एस्ट्रोनोमी लैब स्कूल का शुभारंभ किया। इस लैब के माध्यम से छात्र ब्रह्मांड का रहस्य जान सकेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों से लैब के माध्यम से मिलने वाली जानकारी के बारे में विस्तार से बात की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी बच्चों का साइंटिफिक टेंपरामेंट बढ़ाने पर जोर है।
आमतौर पर विशेषकर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे सामान्य पाठ्यक्रम तक ही सीमित रह जाते हैं। ऐसे बच्चों की संख्या नाममात्र है, जो ऐसे स्कूलों में शिक्षा हासिल कर रहे हों, जहां पर स्पेस साईंस से संबंधित उच्च स्तर की शिक्षा हासिल हो।
जिला प्रशासन द्वारा भिवानी के बच्चों के लिए ऐसी व्यवस्था की गई है, जो कि बहुत ही सराहनीय है। इससे गरीब से गरीब घर का बच्चा भी ब्रह्मांड के रहस्य के बारे में जानकारी हासिल कर सकेगा।
स्कूल में तैयार करवाई गई लैब
उपायुक्त आरआएस ढिल्लो ने मुख्यंमत्री को बताया कि जिला में प्रथम चरण में जिला मुख्यालय पर राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल और राजकीय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल तथा कस्बा बवानीखेड़ा के राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल में एस्ट्रोनॉमी लैब तैयार करवाई गई है। राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल में कल्पना चावला एस्ट्रोनॉमी लैब तथा राजकीय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल में डॉ. विक्रम साराभाई के नाम से एस्ट्रोनॉमी लैब तैयार करवाई गई है।
टेलीस्कोप से देख सकेंगे ब्रह्मांड का नजारा
इस एस्ट्रोनॉमी लैब में बच्चे टेलीस्कॉप के द्वारा पृथ्वी का वायु मंडल, चांद व तारों को देख सकेंगे। बच्चे टिमटिमाते तारों के बारे में नई-नई जानकारी हासिल करेंगे। एक लैब में चार टेलीस्कॉप की सुविधा मुहैया करवाने की योजना है। इससे बच्चों का महत किताबी ज्ञान से हटकर एक तरह से नीरसपन भी दूर होगा और बच्चों में रोचकता बढ़ेगी। सामान्य ज्ञान बढऩे से बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना भी विकसित होगी।
लैब में मिलेगा ब्रह्मांड के रहस्यों से संबंधित सवालों के जवाब
एस्ट्रोनॉमी लैब में बच्चों को ब्रह्मांड के बारे में हर सवालों के जवाब मिलेंगे। इसके लिए लैब में 25 वर्किंग मॉडल होंगे, जिससे बच्चे जान सकेंगे कि आसमान का रंग नीला क्यो हैं? तारे क्यों चमकते हैं? चांद और सूरज कहां छिप जाते हैं? या फिर रात के समय आसमान काला क्यों दिखाई देता है।
लैब स्थापित करने के तीन मुख्य उद्देश्य
- 21वीं सदी के भारत में सभी छात्रों के अंदर अंतरिक्ष के व्यावहारिक ज्ञान के जरिए उत्सुकता जाग्रत करना।
- छोटी उम्र से ही सभी बच्चों में साइंटिफिक टेम्पर विकसित करना।
- टेलीस्कोप के माध्यम से सौर मंडल के अन्य ग्रहों को पास से देखना और उनके चित्र कैमरे में कैद करना है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री जेपी दलाल, शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर, सांसद धर्मबीर सिंह, विधायक घनश्याम दास सर्राफ, विधायक बिशम्बर वाल्मीकि सहित स्कूल स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।