शिक्षा को लेकर हरियाणा सरकार (Haryana Government) लगातार नए नए प्रयास कर रही है। लगातार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए फैसले ले रही है। शिक्षा के मद्दे नजर हरियाणा सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव प्राइवेट स्कूलों (Private Schools in Haryana) पर पड़ेगा। उनकी मनमानी अब नहीं चलेगी उन पर अंकुश लगेगा। प्रदेशभर में बहुत सारे निजी स्कूल हैं और उनके द्वारा चुनिंदा दुकान पर ही अभिभावकों को किताबें और नोटबुक खरीदने के लिए बाध्य किया जाता था। लेकिन अब से सरकार इनकी मनमानी पर लगाम लगा दी है। अब से अभिभावक कहीं से भी यह चीज़े खरीद सकते हैं।
सरकार द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस बारे में निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। सरकार के इस नए फैसले से अब कोई भी प्राइवेट स्कूल अभिभावकों को किसी भी अनुशंसित दुकान से किताबें खरीदने के लिए जोर नहीं देगा। अगर किसी स्कूल ने ऐसा किया तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिस के अनुसार, मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल हरियाणा विद्यालय शिक्षा नियमों के अनुसार अपने स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को स्कूल द्वारा अनुशंसित दुकान से पुस्तकें, कार्य-पुस्तिकाएं, लेखन सामग्री, जूते, मोजे, ड्रेस खरीदने के लिए मजबूत नहीं कर सकते।

इस पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि सभी निजी स्कूलों को 5% से अधिक फीस न बढ़ाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अगर कोई स्कूल इन आदेशों की अवहेलना करता है तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। लेकिन स्कूल एसोसिएशन ने सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज किया है।

इसके अलावा शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि सभी निजी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपनी मर्जी से पुस्तकें नहीं लगा सकेंगे। जो भी NCERT का पाठ्यक्रम होगा, उसको ही प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा 2 साल से पहले स्कूल ड्रेस नहीं बदलने के आदेश जारी किए गए थे।