स्कूलों में दाखिले को लेकर इस बार हरियाणा सरकार (Haryana Government) को पेरेंट्स के आगे झुकना ही पड़ा। प्रदेश सरकार ने अभिभावकों की मांगों को मान लिया है। शिक्षा सत्र 2022-23 (Education Session 2022-23) के लिए ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन (All India Parents Association, AIPA) की मांग पर राज्य सरकार ने 134ए जारी रखने का आदेश दे दिया है। इससे प्रदेश के गरीब बच्चों का काफी फायदा होगा। लेकिन AIPA ने अप्रैल का आधा महीना गुजरने के कारण सरकार से मांग की है कि अब वह आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों का नियमानुसार स्कूलों में एडमिशन कराए।
हाल ही में चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर (Education Minister of Haryana Kanwarpal Gurjar) ने कहा था कि अभिभावकों की मांग को देखते हुए हरियाणा सरकार ने 134ए को एकदम खत्म नहीं करने का फैसला लिया है। स्कूलों में अभी दाखिला प्रक्रिया (Admission Process) 134-ए के नियम के तहत जारी रहेगी। हालांकि इस प्रक्रिया में थोड़ा बदलाव किया गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि इस साल से पहली कक्षा में बच्चों के दाखिले शिक्षा का अधिकार कानून (Right to Education Act) के तहत हो गए हैं लेकिन इससे ऊपर की कक्षाओं में नियम 134ए के तहत निजी स्कूलों (Private Schools) में दाखिले भी लिए जाएंगे।
इस साल दूसरी कक्षा से बारहवीं तक, अगले साल तीसरी कक्षा से ऊपर नियम 134-ए के तहत दाखिले लिए जाएंगे, इस तरह चरणबद्ध तरीके से एक एक क्लास में 134-ए के तहत दाखिले बंद होते चले जाएंगे और अंत में 134-ए को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा। शिक्षा का अधिकार कानून हमेशा जारी रहेगा।
उन्होंने आगे कहा कि गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार ने एक फीस भी निर्धारित की है और इसके तहत नियम 134-A के तहत पढ़ने वाले दूसरी से पांचवीं कक्षा के बच्चों की फीस 700 रुपये, छठी से 8वीं कक्षा के बच्चों की 900 रुपये और 9वीं से 12वीं तक के बच्चों की 1100 रुपये महीना फीस (Fee) सरकार की तरफ से दी जाएगी। इसके साथ ही नियम 134-ए के तहत दाखिला केवल उन्हीं बच्चों को दिया जाएगा जिनके अभिभावकों की सालाना इनकम 1 लाख 80 हजार से कम है।
शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद AIPA ने इसे अभिभावकों की जीत बताया है। ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन (AIPA) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा कि मार्च में राज्य सरकार की ओर से नियम 134 ए को खत्म करने का एलान कर दिया गया था जिसके बाद अभिभावकों की ओर से आईपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने 1 अप्रैल को मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर शिक्षा सत्र 2022- 23 में भी 134ए लागू रखने की मांग की थी। जिससे शिक्षा सत्र 2021-22 में दाखिले से वंचित रहे गरीब परिवारों के बच्चों को चालू शिक्षा सत्र में दाखिला मिल सके।