बच्चों की शिक्षा को लेकर हरियाणा सरकार कई कदम उठा रही है। प्रदेश का कोई भी बच्चा अनपढ़ ना रहे इसके लिए सरकार ने योजनाएं भी तैयार कर रखी है। अब से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र प्राइवेट स्कूलों में भी दाखिला ले सकेंगे।
सरकारी स्कूल में पढ़ रहे छात्रों को अब प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने का समान अवसर देने के लिए हरियाणा सरकार ने एक महत्वकांक्षी योजना तैयार की है। इस योजना के तहत निजी मान्यता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा दूसरी से बारहवीं तक गरीब वर्ग के छात्रों के दाखिले कराए जाएंगे।
इन स्कूलों में बच्चों की फीस की सरकार ही भरेगी। लेकिन इसमें एक परेशानी है और वह यह है कि दाखिले के लिए निजी स्कूलों की अनुमति होनी जरूरी है। अगर कोई प्राइवेट स्कूल सरकार द्वारा प्रस्तावित इस पर बच्चों को पढ़ाने को तैयार नहीं है, तो इसमें सरकार कुछ नहीं कर पाएगी।
आपको बता दें कि नियम 134-ए को समाप्त करने के बाद से समाज के एक वर्ग में नाराजगी फैल गई थी। उसको दूर करने के लिए सरकार ने यह योजना बनाई है। दाखिले के लिए 23 अप्रैल से पंजीकरण की वेबसाइट पर खुल गई है और यह 30 अप्रैल मध्य रात्रि 12:00 बजे तक खुला रहेगा।
बता दें कि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं विद्यार्थियों को मिलेगा जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय 1.80 हजार रुपए से कम है। लेकिन इस बार सिर्फ शपथ पत्र देने से काम नहीं चलेगा, बल्कि इस बार मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों की सहमति भी जरूरी होगी।
सरकार भरेगी फीस
इस योजना के तहत सरकार ही बच्चों की फीस भरेगी। गरीब बच्चों को पढ़ाने की एवज में हरियाणा सरकार प्राइवेट स्कूलों को कक्षा 2 से 5 तक प्रति छात्र ₹700 प्रतिमाह देगी। वहीं इसके अलावा कक्षा 6 से 8 तक प्रति छात्र ₹900 प्रतिमाह और कक्षा 9 से 12 तक प्रति छात्र ₹1100 मासिक फीस या फॉर्म-6 में घोषित शुल्क राशि जितनी भी होगी, वह विद्यालयों को अदा की जाएगी।
30 अप्रैल तक स्कूलों को देनी होगी सहमति
बता दें कि स्कूलों के रजिस्ट्रेशन के लिए 23 तारीख से पोर्टल खोला गया है। प्राइवेट स्कूलों से कहा गया है कि वह 30 अप्रैल तक विभाग की वेबसाइट https://harprathmik.gov.in पर दिये गए सेक्शन लेटेस्ट न्यूज के अंतर्गत सीट डिक्लरेशन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर प्राइवेट स्कूलों को अपनी सहमति प्रदान करनी होगी।
स्कूलों को भी होगा योजना का लाभ
शिक्षा विभाग के जिला परियोजना अधिकारी सुधीर कालड़ा का कहना है कि यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए बहुत ही अच्छी है। वहीं इससे निजी स्कूलों का भी सीधा लाभ होने वाला है सरकार की ओर से अच्छी फीस देने का प्रस्ताव भी किया गया है इसलिए निजी स्कूलों को इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए।