महामारी की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस दौरान देश में लाखों लोगों की नौकरी चली गई। उनके पास करने को कुछ नहीं रहा। कमाई का जो जरिया था वह भी इस महामारी और लॉकडाउन नहीं छीन लिया था। ऐसे में कई लोगों के पास खाने-पीने तक के पैसे नहीं थे। लेकिन कई लोग ऐसे थे जिन्होंने हार नहीं मानी रुपए हैं और वह घर पर रहकर भी कुछ नया काम शुरू किया। अपने नए नए आइडियाज से की मदद से लोग कमाई का नया जरिया ढूंढने में लगे हुए थे। आज हम आपको ऐसे ही एक शख्स के बारे में बताएंगे। जिसकी महामारी के कारण नौकरी चाहिए और इस दौरान उसने एक बहुत ही बढ़िया आविष्कार किया। इसे देखकर हर कोई हैरान रह गया।
हरियाणा के रेवाड़ी के एक छोटे से गांव के रहने वाले विकास यादव ने बेहद खास ही चीज का आविष्कार किया है। पेशे से वह एक मैकेनिकल इंजीनियर है। जब उनकी नौकरी गई तो घर पर ही उन्होंने नया आईडिया पर काम करना शुरू कर दिया था। हाल ही में विकास में एक अनोखी रिक्शा तैयार किया है जिसे पैडल के साथ-साथ बैटरी से भी चलाया जा सकता है।

इस समय प्रदेश में नौकरियों को लेकर समस्या आ रही है। काफी अधिक संख्या में युवा बेरोजगार बैठे हैं। उनको नौकरी नहीं मिल पा रही है तो वही कुछ की नौकरी जा चुकी है। विकास यादव जी इन्हीं में से एक है। लेकिन आज अपने अविष्कार से उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है। बता दें कि विकास एक प्राइवेट कंपनी में मैकेनिकल इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे थे। लेकिन महामारी की वजह से उनकी नौकरी चली गई।

नौकरी जाने के बाद भी विकास ने हार नहीं मानी और घर पर ही नए-नए आईडिया पर काम करना शुरू कर दिया इसी दौरान विकास ने एक खास तरह का ई रिक्शा बनाया इसे बैटरी और बैटरी दोनों से चलाया जा सकता है। वही इस रिक्शे का दाम बहुत ही कम है। इसलिए लोग इसे आसानी से खरीद सकते हैं।
यह है इस ई-रिक्शा की खासियत

इस ई रिक्शा के स्ट्रक्चर की बात करें तो इसमें बाइक के टायर लगाए गए हैं। जिसमें हैंड लैंप का भी इस्तेमाल किया गया है। साइकिल की चैन सेट और डिजिटल मीटर जैसी कई डिवाइस भी इस ई रिक्शा में लगाए गए हैं। स्पीड की बात करें तो इसके लिए इसमें तीन मोड दिए गए हैं। अच्छे से मूवमेंट के लिए बैक गियर की सुविधा भी है।

विकास की माने तो दो कंपनियों के अधिकारी उनके आविष्कार को देखने के लिए उनके पास आ चुके हैं। लेकिन अभी तक उनका किसी से भी टाईअप नहीं हो सका वही अब विकास पैडल चलाते वक्त बैटरी चार्ज हो जाए और सोलर सिस्टम से बैटरी चार्ज होने वाले ई-रिक्शा को बनाने का काम कर रहे हैं।