बिना मेहनत के कभी किसी को सफलता नहीं मिलती। पानी पीने के लिए भी इंसान को मेहनत करनी पड़ती है और मेहनत का फल हमेशा से ही मीठा होता है। बस उसके लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ता है। अगर मेहनत पर मन से की जाए तो आप जरूर सफल होंगे। देश की सबसे कठिन परीक्षा UPSC की बात करें तो इसका रिजल्ट आने के बाद पूरे देश से सफलता और संघर्ष की कहानियां हमारे सामने आती हैं। ऐसी ही एक कहानी है दीपेश कुमारी की, जिन्होंने UPSC पास कर अपने परिवार ही नहीं बल्कि राजस्थान को गौरवान्वित कराया।
पिता का सपना था कि बेटी खूब-पढ़ लिखकर परिवार का नाम रोशन करे। बता दें कि परिवार की सबसे बड़ी बेटी दीपेश के यूपीएससी परीक्षा पास कर अपने पिता का सपना पूरा किया। सिविल सेवा की परीक्षा में उन्होंने 93वीं रैंक हासिल कर परिवार का ही नहीं बल्कि राजस्थान का नाम रोशन किया है।
![](https://i0.wp.com/livebavaal.com/wp-content/uploads/2022/06/5.jpg?w=696)
राजस्थान की इस बेटी की सफलता के पीछे केवल कड़ी मेहनत ही नहीं बल्कि समर्पण और त्याग भी है। बता दें कि पिछले 25 सालों से पिता ठेले पर सांक बेच कर परिवार का पेट पाल रहे हैं।
![](https://i0.wp.com/haryanawale.com/wp-content/uploads/2022/06/rj-brt-01-bharatpur-upscresult-deepeshkumari-vis-567890_01062022082151_0106f_1654051911_955-1024x573.jpg?resize=696%2C389&ssl=1)
बच्चों को पढ़ाने-लिखाने में ही इस पिता ने अपनी सारी जिंदगी निकाल दी। इनके परिवार में कुल सात सदस्य हैं जो एक कमरे और रसोई में रहते हैं। फिर भी इन विपरीत परिस्थितियों के बाद भी ठेला चालक की बेटी ने अपनी कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया।
बेटी की सफलता पर कही इतनी बड़ी बात
![](https://i0.wp.com/haryanawale.com/wp-content/uploads/2022/06/aa02095732628bac301a9153f40c91ef_original.jpg?resize=696%2C522&ssl=1)
बेटी की परीक्षा का परिणाम आने के बाद भी अगले दिन से ही पिता गोविंद फिर से अपना ठेला लेकर शहर की गलियों में परिवार का पेट पालने के लिए निकल गए। गलियों में निकलते ही बहुत से लोगों ने उन्हें बेटी के अधिकारी बनने पर बधाइयां दी।
![](https://i0.wp.com/haryanawale.com/wp-content/uploads/2022/06/image_editor_output_image-62756901-1654509017024-1024x665.jpg?resize=696%2C452&ssl=1)
वहीं बेटी की सफलता पर उन्होंने कहा कि सुख और दुख तो जीवन में चलते रहेंगे। लेकिन इंसान को मेहनत करनी कभी नहीं छोड़नी चाहिए। चाहे कितना ही बड़ा मुकाम क्यों ना हासिल कर लिया हो, मेहनत से कभी मुंह नहीं मोड़ना चाहिए।
![](https://i0.wp.com/livebavaal.com/wp-content/uploads/2022/06/8.jpg?w=696)
बता दें कि दीपेश ने अपनी दसवीं तक की पढ़ाई भरतपुर शहर के ही शिशु आदर्श विद्या मंदिर से की। दसवीं में उन्होंने 98 फीसदी और 12वीं में 89 फीसकी अंकों के साथ परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने जोधपुर से बीटेक की डिग्री ली। सिविल में बीटेक की पढ़ाई पूरी होने के बाद आआईटी मुंबई (IIT Mumbai) से एमटेक की डिग्री हासिल की।
कंपनी से दे दिया इस्तीफा
![](https://i0.wp.com/haryanawale.com/wp-content/uploads/2022/06/64236835ae83e2775f7e91914dff04a6_original.webp?resize=696%2C522&ssl=1)
इसके बाद दीपेश ने एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करनी शुरू की लेकिन एक साल बाद उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। पहली बार में वह सफल नहीं हो पाई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरी बार में उन्होंने परीक्षा पास किया। अब एक ठेला चालक गोविंद की बेटी बड़ी अफसर बन गई है।