जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते हैं और हरियाणा भी कुछ ऐसा ही है। एक ओर जहां आज भी बहु-बेटियों को घर से बाहर कदम नहीं रखने दिया जाता। वहीं दूसरी ओर आपको एक ऐसा भी हरियाणा देखने को मिलेगा जहां बेटियों को बेटों से ज्यादा समझा और सम्मान दिया जाता है। आज बेटियां हर क्षेत्र में कमाल कर रहीं हैं, अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहीं हैं। सीएम से लेकर पीएम तक हर कोई इनसे प्रभावित है। समय समय पर नेताओं द्वारा इन महिलाओं का हौसला अफजाई किया जाता है। बहू बेटियों का हौसला अफजाई करने के लिए, उनको सम्मान देने का एक सबसे अलग और शानदार तरीका निकाला है और आज इस तरीके की दुनिया भर में चर्चा हो रही है।
ऐसा ही एक गांव है हिसार जिले के अंतर्गत आने वाला मययड़, जहां से कभी शुरू हुई सेल्फी विद डॉटर मुहिम पूरे देश में सुर्खियां बनी और लोगों ने इस अभियान को ना केवल अपनाया, बल्कि उसे पंख भी लगाए।

खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान की जमकर सराहना की तथा इसे महिला शक्ति की जीत बताया। बीबीपुर गांव के पूर्व सरपंच सुनील जागलान ने सेल्फी विद डॉटर अभियान से देश भर में सुर्खियां बटोरी थी। अब वह हर गांव में लाड़ो टीम का गठन कर बेटियों को सम्मान देने की अनोखी मुहिम शुरू कर चुके हैं।
मेन गेट पर लगती हैं बेटियों की नेमप्लेट

इस मुहिम के तहत अब हर गांव के मेन गेट पर बेटी और बहुओं के नाम से नेमप्लेट लगाई जा रही है। यह अपने आप में अनोखी और हैरत करने वाली मुहिम है। इस पुरूष प्रधान देश में जहां घरों के आगे पुरूष और उनके गोत्र की ही नेम प्लेट लगाई जाती है।

वहीं हिसार के इस गांव में बेटी और बहुओं के नाम की नेम प्लेट लगाकर उन्हें सम्मान देने का अभियान शुरू किया गया है। अब तक 17 हजार घरों के सामने इस तरह की नेम प्लेट लगाई जा चुकी हैं। इस अभियान को स्वाभिमान उत्सव का नाम दिया गया है।
काफी खुश हैं महिलाएं

इस अभियान से गांव की बहु और बेटियां खासी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि अभी तक घरों के सामने पुरूष और गोत्रों के नामों से ही नेम प्लेट लगाई जाती रही हैं, मगर अब इस बदलाव के बाद वह खुद को उत्साहित और मजबूत मान रही हैं। इससे उनके हौंसले और अधिक बुलंद हुए हैं। गांव की एक बहू का कहना है कि इस अभियान से महिलाओं को मान सम्मान मिला है। यह उनके लिए किसी सपने से कम नहीं है। वह लाडो अभियान में शामिल होकर इस मुहिम को आगे ले जाएंगी।
हजारों घरों पर लगी हैं नेम प्लेट

वहीं इस अभियान का नेतृत्व कर रहे सुनील जागलान का कहना है कि इससे लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह और ज्यादा मेहनत कर अपने परिवार का नाम रोशन करने की दिशा में आगे बढ़ेंगी।
उनके अनुसार जल्द ही इस मुहिम से आसपास के इलाकों में भी बदलाव देखने को मिलेगा। वह महिला शक्ति के इस मॉडल को लेकर ग्रामीण इलाकों में और अधिक प्रचार करेंगे, ताकि खुद को कमजोर समझने वाली महिलाओं के अंदर आत्मविश्वास जागृत हो।

वह बताते हैं कि साल 2015 से वह इस अभियान को लेकर चल रहे हैं, जिसके बाद से अब तक वह 17 हजार घरों के सामने नेम प्लेट लगवा चुके हैं। वहीं इस मुहिम से जुड़ी संतोष ने कहा कि यदि वह गांव की सरपंच बनीं तो इस अभियान को और आगे लेकर जाएंगी।