भारतीय सेना की ताकत और दबदबा हर कोई जानता है। एक सैनिक की नौकरी करना हर किसी के बस की बात नहीं है। लेकिन सेना में नौकरी पाना इतना आसान नहीं है। कई महीनों की पढ़ाई और शारीरिक मेहनत के बाद ही आपका इसमें सिलेक्शन हो सकता है। जब किसी की सेना में नौकरी लगती है तो हर कोई उसे और उसके परिवार गर्व से देखता है। लेकिन आज हम आपको हरियाणा के एक ऐसे गांव के बारे में बताएंगे जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां के बेटे भारतीय सेना के लिए ही बने हैं। यहां लगभग हर दूसरे घर में फौजी तैयार होता है।
बता दें कि करनाल से 25 किमी की दूरी पर स्थित 8000 की आबादी वाले बड़थल गांव में सिर्फ सेना के जवान निकलते हैं। गांव के 400 से भी ज्यादा जवान भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं इसमें से कई रिटायर हो चुके हैं यह हरियाणा का इकलौता ऐसा गांव है जहां हर दूसरे घर में फौजी तैयार होता है। बड़थल के बहुत से लोग है सेना में
रिटायर फौजी राजकुमार का कहना है कि यह बहुत ही फक्र की बात है कि बड़थल गांव के युवा देश की रक्षा करने के लिए सेना में भर्ती होते हैं। उनमें देश प्रेम की भावना कूट कूट कर भरी हुई है।
वहीं एक अन्य रिटायर्ड फौजी कर्मवीर ने बताया कि जब भी सेना में भर्ती निकलती है तो उनके गांव से दो तीन लड़के जरूर सिलेक्ट होते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि गांव में शुरू से ही फौज के प्रति काफी रुझान रहा है। गांव के बेटों में शुरू से ही सैनिक बनने की चाह है।
बता दें कि गांव में एक नहर गुजरती है, जिसकी पटरी पर युवा रेस लगाते हैं। गांव के रिटायर्ड फौजी युवाओं को सुबह-शाम आर्मी की तैयारी के लिए ट्रेनिंग देते हैं। रिटायर्ड फौजी कर्मवीर ने बताया कि उनके गांव में ऐसे बहुत से रिटायर्ड फौजी हैं जो सूबेदार के पद से रिटायर हुए हैं।
कारगिल युद्ध में दिया योगदान
इसके अलावा गांव में कई घर ऐसे भी हैं जो तीन पीढ़ियों तक फौज में अपनी सेवाएं दे रहे हैं वहीं कुछ घर ऐसे भी हैं जिसमें 2 बच्चे भी सेना में हैं। कारगिल के युद्ध में बड़थल गांव से करीब 40 से 50 जवानों ने इसमें योगदान दिया था। ग्रामीण भीम सिंह और विश्वनाथ ने कहा कि उन्हें काफी गर्व महसूस होता है जब आसपास के गांव उनके गांव की मिसाल देते हैं।