किसानों को सशक्त बनाने और आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए हरियाणा सरकार कई योजनाएं चला रही है। इस समय प्रदेश का एक किसान अपनी प्रगतिशील सोच की वजह से चर्चाओं में है। जिसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम (Man ki baat Program) में किया। इस प्रगतिशील किसान का नाम वीरेंद्र यादव (Progressive farmer Virendra Yadav) है। वह हरियाणा के कैथल के गांव फर्शमाजरा के रहने वाले हैं। सबसे खास बात तो यह है कि ये ऑस्ट्रेलिया से स्वदेश लौटकर प्रगतिशील खेती की अलख जगा रहे हैं।
बता दें कि वीरेंद्र यादव कभी ऑस्ट्रेलिया में रहा करते थे। 2 साल पहले ही में भारत आए और अब हरियाणा के कैथल में रह रहे हैं। इन्होंने अपने कार्यों से लोगों के जीवन पर विशेष छाप छोड़ी है। फसलों की कटाई के बाद किसानों की सबसे बड़ी समस्या पराली होती है। जिसे उन्हें जलाना पड़ता है ताकि अगली फसल बोई जा सके।

पीएम मोदी ने कहा की पराली के सॉल्यूशन के लिए व्यापक स्तर पर काम हो रहा है। लेकिन आज वह मन की बात कार्यक्रम में वीरेंद्र का जिक्र इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनके प्रयासों से एक नई दिशा मिली है।

इसका समाधान करने के लिए वीरेंद्र ने पराली की स्ट्रा बेलर मशीन ली है। इसके लिए उन्हें कृषि विभाग से आर्थिक मदद भी मिली है। मशीन की मदद से वह पराली के गट्टे बनाकर उसे एग्रो एनर्जी प्लांट पर बेच देते हैं।
डेढ़ करोड़ से ज्यादा का व्यापार, 50 लाख मुनाफा

पीएम मोदी ने आगे कहा यह आप जानकर हैरान हो जाएंगे। बीते 2 सालों में वीरेंद्र ने डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा का व्यापार किया है। उन्होंने करीब 50 लाख रुपए का मुनाफा कमाया है। जिनके खेतों से वीरेंद्र पराली उठाते हैं, उन किसानों का भी लाभ हो रहा है।

नौजवानों से पीएम ने की यह अपील
पराली का निपटारा करके वीरेंद्र पैसा और पुणय दोनों कमा रहे हैं। वीरेंद्र लोगों के लिए एक अनोखे उदाहरण है। जो नौजवान कृषि की पढ़ाई कर रहे हैं उनसे आग्रह है कि वह आस-पास के गांव में जाकर किसानों को आधुनिक कृषि के बारे में जागरूक करें ऐसा करके देश में हो रहे बड़े बदलाव के सहभागी बने।
पराली प्रबंधन- आय का बड़ा जरिया

मन की बात में जिक्र आने पर और पीएम मोदी से तारीफ सुनने के बाद प्रगतिशील किसान वीरेंद्र यादव बेहद खुश हैं और संतोष जाहिर करते हुए कहा कि आज के समय में पराली प्रबंधन को आय का बहुत बड़ा जरिया बनाया जा सकता है।
देश के अन्य किसान भी पराली प्रबंधन करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। साथ ही इससे पर्यावरण संरक्षण करके हम नैतिक कर्तव्यों का भी निर्वहन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास फिलहाल चार बेलर हैं। पराली प्रबंधन करके उन्हें काफी संतोष मिला है।