विद्यार्थियों की सालभर की पढ़ाई परीक्षा के समय पता चलती है। बोर्ड की परीक्षा तो वैसे भी बहुत महत्वपूर्ण होती है। कई विद्यार्थी टॉप कर जाते हैं तो कई एक अंक से पीछे रह जाते है। बुधवार को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से 12वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया गया। परिणाम जारी होते ही बोर्ड की वेबसाइट क्रैश कर गई। लेकिन फिर भी विद्यार्थियों तक उनका रिजल्ट पहुंच ही गया। इस बार हरियाणा के सिरसा जिले के पास प्रतिशत के आंकड़ों में सुधार आया है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार 5 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है।
आपको बता दें कि इस बार सिरसा के 11386 विद्यार्थियों ने 12वीं की परीक्षा दी जिसमें से 10207 विद्यार्थी को सफलता मिली वही 940 विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आई है महामारी के कारण पिछले वर्ष परीक्षा का परिणाम 100% था लेकिन अब 2021 में यह 84 दशमलव 32 प्रतिशत था। लेकिन इस बार पास प्रतिशत के आंकड़े में 5% की बढ़ोत्तरी हुई है।

प्रतिशत के मामले में सिरसा प्रदेश में पांचवें नंबर पर रहा जिले की के गांव जोधपुरिया स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा शर्मिला ने 490 अंक लेकर पूरे जिले में टॉप किया है। दूसरे नंबर पर गांव मांगेआना के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा नूरदीप ने 487 अंक व एसजीएचएस महाविद्यालय श्रीजीवननगर की छात्रा अमनदीप ने 486 अंक लेकर टॉपर्स की लिस्ट में अपनी जगह बनाई है।
लड़कियों ने फिर मारी बाजी

लड़कियां तो हर क्षेत्र में अब आगे निकल रही हैं। 12वीं के परीक्षा परिणाम में एक बार फिर लड़कियों ने ही बाजी मारी है। जिले से 5,685 लड़कों ने परीक्षा में भाग लिया था जिसमें से केवल 4,992 ही पास हुए। वहीं दूसरी तरफ से 5701 लड़कियों में 12वीं के परीक्षा हिंदी जिस्म से 5115 को सफलता मिली शेष 383 लड़कियों की कंपार्टमेंट आई। परीक्षा परिणाम 91.48 प्रतिशत रहा। वहीं प्राइवेट स्कूलों के 52 विद्यार्थियों में परीक्षा दी थी जिसमें से 37 उत्तीर्ण हुए। इनका प्रतिशत परिणाम 71.15 रहा।
केवल 2 घंटे ही कर पाती थी पढ़ाई

गांव जोधपुरिया स्थित राजकीय सीनियर सेकंडरी स्कूल की छात्रा शर्मिला ने 490 अंक लेकर जिला टॉपर की लिस्ट में अपना नाम शामिल किया है। शर्मिला ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है उसके पिता जयवीर गोदारा एक टैक्सी ड्राइवर हैं।

जब उन्हें पता चला कि उनकी बेटी जिले के टॉपर है तो उनकी आंखाें से खुशी के आंसू निकल आए। पिता जयवीर ने कहा कि इससे ज्यादा खुशी की बात उनके लिए काेई और नहीं है। उनकी बेटी नाम का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है वहीं दूसरी तरफ जो शर्मिला को यह पता चला कि उसने जिले में टॉप किया है तो उसनेे इसका पूरा श्रेय अपने माता-पिता को दिया।

एग्जाम में भी उन्होंने पूरी मेहनत की है। अब आईएएस बनकर पिता के सपनों को साकार करेगी। शर्मा ने बताया कि गरीब परिवार से होने के बावजूद उसने और हाई को लेकर योगा भी भुलाए नहीं दिखाई अपनी पढ़ाई जारी रखी घर के कामों से निपटने के बाद वह 2 घंटे ही पढ़ पाती थी शर्मिला का सपना है कि वह आईएएस अफसर बन देश की सेवा करें। उनके घर का गुजारा टैक्सी से ही होता है।