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हरियाणा की दादी बनी ‘उड़नपरी’, 105 की उम्र में दौड़ में बनाया नेशनल रिकॉर्ड

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उम्र बढ़ने के साथ साथ व्यक्ति कमज़ोर होता जाता है। 60-70 के बाद वह केवल अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहता है, तीर्थ यात्राओं पर जाना चाहता है। लेकिन कुछ बुजुर्ग ऐसे भी होते हैं जिनमें कुछ अलग करने का जुनून होता है। (National record made in running at the age of 105) वह अपने सामने आती हर बाधा को पार कर जाते हैं। आज हम आपको हरियाणा की एक ऐसी दादी के बारे में बताएंगे जिन्होंने 105 की उम्र में दौड़ में गोल्ड मेडल जीतकर नेशनल चैंपियन (Haryana’s grandmother became ‘Udanpari’) बन सबको हैरान कर दिया। जिस उम्र में बुजुर्ग बेड से उठ नहीं पाते उस उम्र में ये दादी उड़नपरी (PT Usha) बन मिसाल ही पेश कर दी कि अगर कुछ करने का जुनून हो तो उम्र मायने नहीं रखती।

हरियाणा के चरखी दादरी की कादमा निवासी रामबाई ने यह कारनामा कर दिखाया है। उम्र की बाधा को लांघते हुए गुजरात के वडोदरा में आयोजित मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 100 मीटर दौड़ में इन्होंने न सिर्फ गोल्ड मेडल जीता (Rambai won gold medal in the 100 meters race of the Master Athletics Championship) बल्कि नेशनल रिकॉर्ड भी बना डाला। बता दें कि 45.4 सेकेंड में उन्होंने 100 मीटर दौड़ पूरी की। इसके अलावा 200 मीटर दौड़ में भी गोल्ड मेडल जीता। 

आपको बता दें कि सात महीने पहले ही रामबाई ने अपनी दोहती के साथ खेल मैदान में कदम रखा है। अपने सात महीने के इस खेल करिअर में रामबाई ने अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा में तीन और राष्ट्रीय स्पर्धाओं में 18 स्वर्ण पदक जीते (Rambai won three gold medals in international and 18 gold medals in national events) हैं।

हाल ही में 16 से 19 जून तक वडोदरा में आयोजित नेशनल मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने ने बुजुर्ग धावक मान कौर (101) का रिकॉर्ड तोड़ा है।

ये हैं उपलब्धियां 

  • नेपाल में आयोजित मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीते।
  • वाराणसी में आयोजित राष्ट्रस्तरीय स्पर्धा में चार स्वर्ण पदक हासिल किए।
  • बंगलूरू में आयोजित राष्ट्रस्तरीय स्पर्धा में चार गोल्ड मेडल जीते।
  • महाराष्ट्र में आयोजित मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण पदक जीते।
  • केरल में तीन स्वर्ण पदक अपने नाम किए।
  • वडोदरा में दो स्वर्ण पदक जीते हैं।

यह है तंदुरुस्ती का राज

बता दें कि रामबाई, कादमा गांव की सबसे बुजुर्ग महिला हैं लेकिन फिर भी वह पूरी तरह से तंदुरुस्त हैं और प्रतिदिन सुबह वॉक करने जाती हैं। रामबाई की दोहती शर्मिला ने बताया कि अच्छा खान-पान ही उसकी नानी की तंदुरुस्ती का राज (Good food is the secret of grandmother’s health) है। उनकी नानी को अन्य बुजुर्गों की तरह किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं है। वह पूरी तरफ से फिट हैं।

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