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फरीदाबाद के सड़कों के गड्ढों ने सिटी बस का तोड़ा दम, ख़राब सड़कों के चलते बस हो रहे हैं ख़राब

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सिटी बस का सफ़र तो सभी लोगों ने बखूबी किया ही है और लोगों की तरफ से बड़े ही साकारात्मक प्रतिक्रिया भी देखने देखने को मिला है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या ये बसें फरीदाबाद की सड़कों पर ठीक प्रकार से चल सकेंगी। आपको बता दें हाल ही में फरीदाबाद के गड्ढों में कई बसें ख़राब हुई हैं जिससे यात्री परेशान भी हुए हैं। खराब सड़कों के कारण यात्रा के बीच में बसों में दिक्कत आ रही है, जिससे यात्रियों को बीच रास्ते में ही ऑटो या दूसरे साधन का सहारा लेना पड़ रहा है। इसका असर ऐसा हुआ है कि अब लोग सिटी बसों में बचने लगे हैं।



लोगों का कहना है कि बस खराब होने पर किराया लौटाया नहीं जाता। दूसरी बस का इंतजार करने को कहा जाता है। ऐसे में परेशान होने से अच्छा है कि शुरू में ही ऑटो से चला जाए। बसों में खराबी की मुख्य वजह गर्मी और सड़को की हालत जर्जर होना बताया जा रहा है। इन बसों में शॉकर व कमानी नहीं होती है। नई तकनीक की इन बसों में शॉकर व कमानी की जगह बलून लगा हुआ है। गर्मी, अधिक लोड और गड्ढ़ों के कारण झटका लगने पर बलून फट जाता है, जिससे ये बस रुककर खड़ी हो जाती है।



आपको बता दें हाल ही में इन बसों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि फरीदाबाद की शुभगमन सिटी बस सर्विस को लोग दिल्ली और नागपुर की तुलना इस वक्त शहर में कुल 7 रूटों पर 50 बसे में ज्यादा पसंद कर रहे हैं। कहा गया था फरीदाबाद शहर के लोग धीरे-धीरे ऑटो रिक्शा को छोड़ सिटी बस का फायदा उठा रहे हैं। इसके अलावा आपको बता दें एफएमडीए ने जो 150 बसें खरीदने का फैसला लिया है, उसमें सभी बसें मिनी होंगी ताकि वह ख़राब और तंग सड़कों पर भी चलाई जा सकें। इस वक्त शहर में कुल 7 रूटों पर 50 बसे चलाई रही हैं। इनमें से सभी रूटों पर बस 25 से 30 रुपये तक प्रति किलोमीटर की आय प्राप्त कर रही है, जो दूसरे शहरों से कहीं ज्यादा है। डिपो के एक आंकड़े के अनुसार प्रतिदिन 20 से 25 बसें खराब हो रही है।

जीएमबीएसएल के मैनेजर जीसे यादव ने समय बताया था कि बस की कमाई प्रति किलोमीटर काफी मायने रखती है। फरीदाबाद में शुभगमन के नाम से चल रही सिटी बस सर्विस बढ़िया इनकम दे रही है। करीब एक साल पहले गुरुग्राम महानगर शहरी बस लिमिटेड की ओर से फरीदाबाद को सिटी बस के तौर पर 50 बसें दी थी। इन बसों को जिले के अलग-अलग 13 रूटों पर चलाया जा रहा है। इनमें से 6 रूटों पर चलने वाली बसों को राजस्व के रूप में अच्छी आय मिल रही है।

Anila Bansal
Anila Bansal
I am the captain of this ship. From a serene sunset in Aravali to a loud noisy road in mega markets, I've seen it all. If someone asks me about Haryana I say "it's more than a city". I have a vision for my city "my Haryana" and I want people to cherish what Haryana got. From a sprouting talent to a voice unheard I believe in giving opportunities and that I believe makes a leader of par excellence.

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