फरीदाबाद के लोगों को अब कुत्तों का ख़तरा सताने लगा है। आय दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमे आवारा कुत्तों द्वारा लोगों को नुकसान पहुँच रहा है। शहर के सिविल अस्पताल में प्रतिदिन कुत्ते से काटने के आठ से 10 नए मामले आ रहे हैं, जबकि एक दिन में 60 से 70 लोगों को एंटी रेबीज के टीके लगाए जाते हैं। नगर निगम के स्तर से कुत्तों को पकड़ने और इस समस्या से निजात दिलाने के कोई प्रबंध नहीं है। यह तो आप सभी को पता ही है कि जिले का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां पर आवारा कुत्ते लोगों की परेशानी का कारण ना बने हों। ओल्ड फरीदाबाद, एनआइटी, बल्लभगढ़ और ग्रेटर फरीदाबाद की बनी विभिन्न सोसायटी में आवारा कुत्तों को झुंड साफ तौर से देखा जा सकता है।

इसके अलावा आपको बता दें जिला नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन 60 से 70 लोग एंटी रेबीज टीके लगवाने आते हैं। एक व्यक्ति को तीन टीके लगाए जाते हैं। अस्पताल प्रबंधन के पास फिलहाल एक सप्ताह के लिए पर्याप्त डोज उपलब्ध है। स्टोर में 700 एंटी रेबीज की डोज रखी हुई हैं। बता दें कि नागरिक अस्पताल में एंटी रेबीज की एक डोज लगाई जाती है। बील कार्ड धारकों के बिल्कुल निश्शुल्क टीका लगता है।

आपको बता दें ऐसे बहुत से मामले लोगों को वीडियो के माध्यम से मिलते हैं और कई वीडियो पहले भी वायरल हो चुकी हैं जिनमें साफ तौर से देखा जा सकता है कि किस तरीके से आवारा कुत्ते छोटे बच्चों को अपना शिकार बना लेते हैं, इससे लोगों का डर और भी बढ़ चुका है।

आपको बता दें लोगों के मन में कुत्तों का डर तब से जादा बढ़ गया जब से पानीपत से खबर आई की एक कुत्ते द्वारा नवजात बच्चे को मार दिया गया। जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में प्रतिदिन कुत्ते द्वारा काटने के मामले सामने आ रहे हैं। कुछ जगहों पर कुत्तों को लेकर इतना डर है कि लोग अपने बच्चों अकेले बाहर खेलने के लिए भी नहीं जाने देते हैं। रात में एक तरह से सड़कों पर कुत्तों का राज हो जाता है। बाइक सवार के पीछे दौड़ पड़ते हैं। राह चलते लोगों को भी काटने के लिए दौड़ते हैं। आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन इनकी जनसंख्या पर काबू पाने और इन्हें पकड़ने का कोई भी इंतेजाम नही है।
