म्हारी छोरियां “छोरों” से कम हैं के… दंगल फिल्म का यह डायलॉग लोगों को खूब पसंद आया था। अब तो लड़कियां दंगल में मैदान में भी सफलता के झंडे गाड़ कर आती हैं। आमिर खान ने पहलवान गीता-बबीता और महाबीर कोच पर जो दंगल फिल्म बनाई थी, बिल्कुल उसी की तरह अब हरियाणा की मुस्कान की जिंदगी भी टर्न ले रही है। गांव के एक लड़के के साथ लड़ाई हुई तो पिता ने कुश्ती में डाल दिया और फिर मुस्कान ने एक के बाद एक दंगल जीते और अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का परचम लहरा रही हैं। मुस्कान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह प्वाइंट से कुश्ती कम जीतती हैं, बल्कि प्रतिद्वंदी पहलवान को चित करने में ज्यादा दिलचस्पी लेती हैं।
हाल ही में किर्गिस्तान में हुई एशियन सब जूनियर चैंपियनशिप (Asian Sub Junior Championship, Kyrgyzstan) में मुस्कान ने सभी मुकाबले बाय फाल जीतकर गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया।
फाइनल मुकाबले में तो जापान की खिलाड़ी को इस तरह से चित किया गया कि उस से उठा तक नहीं गया। मुस्कान मूल रूप से झज्जर (Jhajjar) के ढराणा गांव की रहने वाली हैं और रोहतक (Rohtak) में सत्यव्रत और साक्षी मलिक के अखाड़े में प्रैक्टिस करती हैं।
वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए भी हो गया सिलेक्शन
मुस्कान की इस उपलब्धि से हर कोई खुश है और उसमें काफी संभावनाएं नजर आ रही है। खुद मुस्कान का कहना है कि उसका लक्ष्य है कि वह ओलंपिक में देश के लिए मेडल लेकर आए। परिवार काफी गरीब है और वे चारों भाई-बहन कुश्ती ही करते हैं।
लेकिन अच्छी बात यह है कि उन्हें बाकी पहलवानों और साक्षी मलिक से काफी सहयोग मिलता है। उसका अब वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए भी सिलेक्शन हो गया है, जोकि 25 से 30 जुलाई तक इटली में होगा और उसे पूरी उम्मीद है कि वह वहां से भी देश के लिए मेडल जीत कर लाएंगी।