एक समय ऐसा था जब महिलाओं को घर के बाहर कदम तक नहीं रखने दिया जाता था। हमेशा से ही उन्हें पुरुषों से कम आंका जाता था। समाज ने महिलाओं का दर्जा केवल खाना बनाने से लेकर बच्चों को संभालने तक ही था। वहीं कुछ कामों को (Heavy Vehicles Driving) तो ऐसा समझा जाता था कि इसे सिर्फ पुरुष ही कर सकते हैं और ड्राइविंग भी इसी ने शामिल है। आज भी लोगों का मानना है कि महिलाएं ड्राईविंग (Richa got License to drive heavy vehicle at the age of 20) नहीं कर सकती। लेकिन आज महिलाएं भी आत्मनिर्भर बनने का प्रयास कर रही हैं। ऐसा ही कुछ हरियाणा के पानीपत की बेटी रिचा ने कर दिखाया है। रिचा ने लोगों की इन सब बातों को गलत साबित कर दिखाया है। इस बेटी ने साबित कर दिया है कि जिंदगी में कुछ भी करना मुश्किल नहीं है।
पानीपत की रहने वाली रिचा आज कई लड़कियों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। महज 20 साल की उम्र में रिचा ने हैवी वाहन चलाने का लाइसेंस हासिल कर लिया है। इस काम में उनके परिवार ने भी उनका खूब साथ दिया है।

अपनी हिम्मत और दृढ़-निश्चय से महज 20 साल की उम्र में ही उन्होंने हैवी वाहन चलाने का लाइसेंस हासिल किया है। रिचा को 7वीं कक्षा से ही भारी वाहन चलाने का शौक था और 14 साल की उम्र से ड्राइविंग सीखना शुरू भी कर दिया। आज रिचा की सफलता से उनका परिवार भी बहुत खुश है।
उठा रहीं हैं पूरे घर का खर्चा

बता दें कि फिलहाल रिचा B.Com की पढ़ाई कर रही है और इसी दौरान उन्होंने ड्राइविंग भी सीखी। वहीं आज वह अपना खुद का ड्राइविंग स्कूल भी चला रही हैं जिससे वह न सिर्फ अपना बल्कि पूरे घर का खर्च भी चला रही हैं। आज कई लोग अपनी बेटियों को भी सिर्फ रिचा से ही ड्राइविंग सीखने के लिए भेजते हैं।
जिले में हैवी वाहन चलाने वाली पहली लड़की

बता दें कि कई टूर प्रबंधक भी अब रिचा को ही वाहन चलाने के लिए बुलाते हैं क्योंकि उनके साथ लड़कियां सुरक्षित महसूस करती हैं। वहीं कहा जा रहा है कि रिचा जिले की पहली लड़की हैं जिन्हें हैवी वाहन चलाने का लाइसेंस दिया गया है और इसलिए यह उनकी बहुत बड़ी उपलब्धि है।