हरियाणा में लगाता है विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर खिलवाड़ किया जा रहा है। आपको बता दें कि सरकारी विद्यालयों में पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को सारी पुस्तकें सरकार द्वारा मुहैया कराई जाती हैं जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई आसान हो सके।
लेकिन कुछ समय से ऐसा नहीं हो रहा है आपको बता दें कि लगभग 2 सालों से विद्यार्थियों को पुस्तके नहीं मिल रही हैं विराम हरियाणा में भी अब नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है ।
जिसको बीते लगभग 4 महीने हो चुके हैं परंतु अभी तक वहां पर विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए पुस्तके नहीं पहुंच सकी हैं। कुछ विद्यालयों में पुस्तके तो पहुंचे हैं।
लेकिन उनकी संख्या इतनी कम है कि सभी छात्रों में पुस्तकें पुस्तकों की इन कमियों के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभाव पड़ रहा है।
आपको बता दें कि हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हरिओम राठी व प्रदेश कोषाध्यक्ष चतर सिंह ने बताया की विद्यार्थियों तक की पुस्तके ना पहुंचने के कारण विद्यार्थियों बच्चों की पढ़ाई बहुत ज्यादा नुकसान में चली गई है।
प्रशासन को इस से सीख लेते हुए पुस्तकों को शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ही विद्यालयों को भेज देनी चाहिए ताकि विद्यार्थियों तक समय से पहले पुस्तक की पहुंच सके।
इसके अलावा आपको बता दें कि हरियाणा में राजकीय मॉडल संस्कृति प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी में पढ़ाया जाता है जो कि अंग्रेजी माध्यम स्कूल है ।
लेकिन उसमें भी पुस्तकों के अभाव में छात्रों को हिंदी माध्यम की पुस्तकों से ही पढ़ाई करनी पड़ रही है। आपको बता दें कि स्कूलों में छात्रों को जो वर्कबुक मिलती है।
वह हिंदी माध्यम की होती है गणित व परिवेश अध्ययन की वर्कबुक अंग्रेजी माध्यम में होनी चाहिए। इस हाल में मॉडल संस्कृति स्कूल के छात्र निजी स्कूलों के छात्रों से कैसे बराबरी कर पाएंगे