इलेक्ट्रिक बसों का सपना जल्द ही साकार होने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार अगले माह तक करनाल, हिसार व पानीपत में प्रथम चरण में 20-20 मिलने की संभावना है।

इससे पहले चार्जिंग पाइंट भी बनाए जाएंगे। ताकि बसों को आसानी से चार्ज किया जा सकें। इनबसों को दो सौ किलोमीटर के दायरे में ही चलाया जाएगा। इससे साफ है कि इन बसों को लोकल रूट पर रखा जाएगा।

इनका उपयोग सिटी बस सर्विस में भी किया जा सकेगा। जिसे विद्यार्थियों को कालेज व स्कूलों में आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होगी।
इलेक्ट्रिक बसें आने से प्रदूषण से भी काफी राहत मिलेगी। पेट्रोल व डीजल के बढ़ते दाम को देखते हुए यह बस काफी किफायदी रहने वाली है।

पिछले माह ही हरियाणा राज्य परिवहन विभाग ने प्रदेशभर के सभी डिपो के जीएम से अपने-अपने जिले में इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए जानकारी मांगी थी।
जिसके बाद सभी जिलों के जीएम ने अपनी रिपोर्ट पेश की। अब उम्मीद है कि अगले माह तक मुख्यमंत्री मनोहर लाल इन बसों को प्रदेशभर में लांच कर सकते है।
पानीपत में 40 बसों की डिमांड भेजी गई है। इसमें 12 बस एसी हो सकती है। रोडवेज विभाग अधिकारियों के अनुसार 60 किलोमीटर की दूरी पर चार्जिंग पाइंट बनेगा। इसके लिए चार्जिंग पाइंट बनाने का काम बसें मिलने के बाद शुरू होगा।
इलेक्ट्रिक बसें केवल 12 वर्ष तक ही चल सकेंगी। इस बस को 10 लाख किलोमीटर तक ही चलाया जा सकेगा। इन बसों के निर्माण के लिए सीईसीएल कंपनी को संपर्क किया गया है।
कंपनी की ओर से ड्राइवर, चार्जिंग स्टेशन, इलेक्ट्रिक रिपेयर मैनेजमेंट और बिजली खर्च आदि शामिल होगा। इलेक्ट्रिक बसों में 55 सीट होंगी और एक बार फुल चार्ज करने पर 200 किलोमीटर तक सफर तय कर पाएंगी। एक बस 12 मीटर लंबी होगी। इन बसों के आने से ग्रामीण रूट भी कवर हो सकेंगे।
इलेक्ट्रिक बसें आने से शहर में प्रदूषण स्तर में भी सुधार आएगा। फिलहाल प्रदूषण शहर में बढ़ता जा रहा है। इलेक्ट्रिक बसें आने से काफी हद तक पर्यावरण में सुधार आएगा।
इलेक्ट्रिक बसें चलने में काफी आराम दायक होती है। इस बसों में बैठने की सीट काफी आरामदायक है। यह बस बुजुर्गों के लिए वरदान साबित होगी। आज के दौर में 45 साल के उपर लगभग 70 प्रतिशत लोगों को कमर दर्द की दिक्कत है। उनके लिए यह सीट काफी अच्छी रहने वाली है।