एक तरफ तकनीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है, नई-नई औद्योगिक इकाईयां स्थापित करने के लिए पेड़-पौधों को काटा जा रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ हरियाणा के युवाओं ने हरियाली बढ़ाने (mission of youth is to increase greenery in Haryana) को अपना मिशन बना लिया है। पौधारोपण (Plantation) करने के साथ-साथ वह नर्सरी (Plants nurseries) भी तैयार कर रहे हैं। बीजों को इकट्ठा करके और दूसरे माध्यमों से गांव में ही पौधे तैयार कर रहे हैं। इसके बाद इन पौधों को बांटते भी हैं। इसके साथ ही अलग-अलग सार्वजनिक स्थानों पर इन्हें लगाते भी हैं। अपनी इस कोशिश से इन युवाओं ने सार्वजनिक स्थानों पर प्रकृति का रंग चढ़ा दिया है।
बता दें कि बहादुरगढ़ के गांव आसौदा के युवाओं ने इस मिशन की शुरुआत की है इसके लिए गांव के अनेक युवा हर महीने ₹100 का दान देते हैं। इसी की मदद से नर्सरी के लिए दवाइयां, थैलियां, जाल और नलाई-गुड़ाई आदि का सामान लाया जाता है। इससे पेड़-पौधों का रखरखाव होता है।

बता दें कि नई पौध तैयार करने के लिए युवा खेतों से जामुन के बीज, आम की गुठलियां, नीम की निंबोली, बरगद, पीपल आदि को इकट्ठा करते हैं ताकि अगले सीजन के लिए खाली स्थानों पर इन्हें रोप कर पौधे तैयार किए जा सके।

आपको बता दें कि सर्दियों में इन्हें ठंड से बचाने के लिए चद्दर व घास का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही समय-समय पर सभी पेड़ों को खाद व दवाई डाल कर भी संरक्षित किया जाता है। इसके लिए अत्यधिक सावधानी और परिश्रम की आवश्यकता होती है।
2000 पौध से हुई थी नर्सरी की शुरुआत

5 जून 2021 को इस मुहिम के अगुआ सुनील आर्य के संरक्षण में दो हजार पौध तैयार करके इस नर्सरी की शुरुआत की गई थी। इस साल 10 हजार तक इसे ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी के साथ गांव की अपनी नर्सरी की दूसरी शाखा आसौदा सिवान के शमशान घाट में तैयार की गई है। इसमें तीन हजार पौधे तैयार किए जा रहे हैं।
गांव का हर शख्स करता है नर्सरी के लिए श्रमदान

बता दें कि सबसे पहले इस साल ‘अपनी नर्सरी’ में लगभग छः हजार पौधे तैयार किए जाने हैं। इनको तैयार करने के लिए 200 लीटर के चार ड्रम खाद व कीटनाशक आदि मंगवाए गए हैं। गांव आसौदा के शिक्षित व परिश्रमी युवा, रिटायर्ड फौजी व कर्मचारी महिलाएं, लड़कियां और छोटे बच्चे श्रमदान करके इस नर्सरी में अपना समय लगाते हैं।
यह दे रहे कार्य में योगदान

इस कार्य में रोहतास कोच, संदीप शास्त्री, सतवीर पंडित, करण चंडीगढ़ पुलिस, पंकज पंडित, राहुल, अंकित, मोहित, हरीप्रकाश प्रधान, रवि कुमार, मंजीत हरियाणा पुलिस, अजय फौजी, कृष्ण एडवोकेट, प्रवीण उर्फ काला, सोमबीर भजन कलाकार, अमित, सन्नी आर्य, मुस्कान आर्या, हिमांशु, दीपांशु, प्रियांशु, दीपक, लक्ष्य, आर्यन, सोनू, रेनू, कृष्णा देवी, सरोज देवी, मुकेश आर्या, पंकज योगाचार्य, काला पहलवान टैंकर वाला, मंजीत, रामऋषि हलवाई, नवीन केमिकल फैक्ट्री, प्रदीप उर्फ बिंटू कत्था फैक्ट्री, ललित प्रधान, तकदीर जेई, राजेश उर्फ काला प्रधान, काला मौसमी वाला, रामनिवास, अमित हार्डवेयर स्टोर, नवीन मित्तल, अंकित रेलवे, प्रवीण लेक्चरर, विनोद लेक्चरर, सुधीर पंडित, अनिल नेवी, दलवीर आर्य ट्रैक्टर वाला, वीरेंद्र मास्टर, दलवीर डाक्टर, बिट्टू दिल्ली पुलिस, राजेश दिल्ली पुलिस आदि योगदान दे रहे हैं।
व्हाट्सएप से जोड़ रहे युवाओं को

युवाओं को इस मुहिम से जोड़ने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाए गए हैं। पौधे लगाने के दो-तीन महीने बाद उन पर दवाई का छिड़काव किया जाता है, साथ ही खाद डाली जाती है। भविष्य में गांव आसौदा में अपनी नर्सरी की तीसरी शाखा खोलने का निर्णय लिया गया है।
इस तीसरी नर्सरी में पहली और दूसरी की अपेक्षा बड़े पौधों को इकट्ठा करके 15 से 20 फीट की ऊंचाई तक उन्हें तैयार किया जाएगा। मिशन हरियाली युवा टीम इसको लेकर दिन-रात परिश्रम कर रही है।

इसके साथ ही गांव को हरा-भरा बनाने के लिए नई-नई योजनाओं पर भी कार्य कर रही है। ‘अपनी नर्सरी’ की पहली शाखा को सुनील आर्य की देखरेख में चलाया जा रहा है। द्वितीय शाखा को सोमबीर भजन गायक व प्रवीण उर्फ काला की देखरेख में चलाया जा रहा है।
यह है टीम का लक्ष्य

मिशन हरियाली टीम का मुख्य उद्देश्य गांव के पंचायती स्थान, तालाब, अखाड़ा, चौपाल, स्कूल, मंदिर, श्मशान घाट, बस स्टैंड, स्टेडियम आदि को हरा भरा बनाकर ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाना है ताकि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ व सुखी जीवन जी कर सके।
बीते 10 वर्षों से मिशन हरियाली युवा टीम प्रत्येक वर्ष केवल 100 से 200 पौधे लगाती थी। इसके बाद 500 पौधे हर साल लगाने शुरू किए। अब इस वर्ष टीम ने दो हजार पौधे लगाए हैं और अब प्रत्येक वर्ष 2100 पेड़-पौधे लगाने का निर्णय लिया गया है।