हरियाणा के लोग जो कि दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्र में रहते हैं उन्हें घर बनाने के लिए भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। आपको बता दें हरियाणा के झज्जर जिले में ईट भट्ठा एसोसिएशन ने अनिश्चित काल के लिए ईट भट्टे को बंद करने का ऐलान किया है।
अब यदि ईट भट्टों में ईंट बनाने बंद कर दिए जाएंगे तो लोगों की मुसीबतें और भी बढ़ जाएगी और जो लोग घर बनाने के लिए सोच रहे हैं उनका भी घर नहीं बन सकेगा।
इसके अलावा इसका असर महंगाई पर भी देखने को मिलेगा। जो ईंट 6 से 8 रुपये का मिलता है उसका रेट और ज्यादा महंगा हो जाएगा। आपको बता दें ईंट भट्टी एसोसीएशन द्वारा ईंट भट्टी को अनिश्चित काल के लिए बंद करने का ऐलान किया है।
ईंट भट्टी एसोसीएशन के द्वारा इन पर लगने वाला जीएसटी 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया गया है जिसका विरोध किया जा रहा है। उनका कहना है कि उनको जीएसटी की समस्या है और इसके अलावा उन्हें कोयले के बढ़ते दामों को लेकर भी चिंता हो रही है।
क्योंकि उन्हें पहले 7000 रुपये प्रति टन कोयला मिलता था जिसका रेट बढ़ने के बाद अब उन्हें 21 हज़ार से 22 हज़ार रुपये प्रति टन हो गया।
यही कारण है कि झज्जर जिले में ईट भट्ठा एसोसिएशन ने अनिश्चित काल के लिए ईट भट्टे बंद करने का निर्णय लिया है।
आपको बता दें कि झज्जर में तकरीबन 350 ईट भट्टे हैं जोकि बड़े-बड़े क्षेत्रों में ईटों की सप्लाई करते है जैसे दिल्ली, गुरुग्राम और बहादुरगढ़ जैसे क्षेत्रों में ईटों की सप्लाई की जाती है।
ईट भट्टा के बंद हो जाने के कारण इन क्षेत्रों पर ईंटों की संख्या और बढ़ते दामों जैसी समस्याओं का सामना लोगों को करना पड़ सकता है। जो लोग इस समय घर बनवा रहे हैं या बनवाना चाहते हैं उनके लिए और भी बड़ी समस्या है।
आपको बता दें कि हरियाणा के झज्जर जिले में 1000 ईटों का दाम 6000 से लेकर 7000 रुपये तक था जोकि अब बढ़ने की कगार पर आ रहा है। साथ ही आपको बता दें की ईट भट्टी एसोसिएशन के लोगो का कहना है कि सरकार द्वारा बहुत सी चीजों के दाम बढ़ा दिए गए हैं ।उन पर जीएसटी लगा दी गई है
इसके अलावा इन लोगों की एक और समस्या है जो कि ईंटों पर जो भी 12% जीएसटी लगाई जा रही थी उसे घटाकर 5% कर देनी चाहिए।
वही कोयले के दाम में भी बढ़ोतरी की गई है इसका भी दाम कम करना चाहिए या फिर सरकारी रेट पर कोयला उपलब्ध कराने चाहिए जिससे कि ईट भट्टा चलाने में कोई भी समस्या उत्पन्न ना हो और लोगों को भी उचित रेट पर ईंटें मिल सके।