भारत देश में लोग अपनी प्रतिभा को दिखाकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। भारत में जब से आजादी मिली है तब से यहां के लोग सभी को पीछे छोड़ आगे बढ़ रहे हैं भारत में चाहे खेल की बात करें या रॉकेट विज्ञान की भारत हर क्षेत्र में उन्नति के शिखर पर बढ़ता जा रहा है।
वही आपको बता दें की हरियाणा भारत का वह राज्य है जहां से हर क्षेत्र के लोग भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। आपको बता दें हरियाणा की बेटी ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया है जिससे प्रत्येक भारतवासी गर्व से अपने देश का नाम ले सकता है।
भारत में महिलाओं को हमेशा पीछे ही रखा जाता था परंतु वर्तमान समय में महिलाओं को भी आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और महिलाओं के प्रति आदरणीय सम्मान की भावना भी हर पुरुष में स्थापित की जा रही है।
यही कारण है कि अब महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है और देश का नाम रोशन कर रही हैं। हरियाणा की बेटी अनिता कुंडू जिसने माउंट एवरेस्ट पर तीन बार फतह हासिल की है।
यह बात सुनकर गर्व महसूस होगा ही परंतु इसका एहसास तब और अच्छे से होगा जब आप अनीता कुंडू के ग्रह स्थिति के बारे में जानेंगे।
आपको बता दें कि अनीता कुंडू हरियाणा के हिसार जिले की रहने वाली है और अनिता का एडवेंचर खेल में हमेशा से ही मन लगा रहा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा में पहले लड़कियों को समाज के सामने नहीं आने दिया रहता था इसी तरह अनिता कुंडू को भी समाज में आगे बढ़ने नहीं दिया जा रहा था।
अनीता के माता पिता कभी भी बेटे और बेटियों में भेदभाव नहीं करें जिसके फलस्वरूप अनीता को अपनी सफलता के शिखर पर चढ़ने के लिए एक राह उनके माता-पिता ही बने।
अनीता के माता पिता पढ़े-लिखे नहीं थे लेकिन वह इतना समझते थे कि समाज में बेटियों को भी आगे बढ़ने का अधिकार है। अनीता की माता पिता का निधन हो गया जब वह मात्र 12 वर्ष की थी अनीता अपने घर में सबसे बड़ी थी और वह चार भाई बहन थे।
अनीता ने अपनी किसी भी मजबूरी को और परेशानी को अपने सपनों के आड़े आने नहीं दिया। अनीता ने हिसार से ही पढ़ाई की और इसके बाद उन्होंने हिसार में ही एक जाट कॉलेज से b.a. की पढ़ाई उत्तीर्ण की और कहीं प्राइवेट इंस्टिट्यूट से उन्होंने MA किया।
अनीता कुंडू को बचपन से ही कबड्डी खेलने का बहुत शौक था और पांचवी कक्षा से ही उन्होंने कबड्डी खेलना प्रारंभ कर दिया। अनीता को कबड्डी में बहुत रुचि थी और वह कबड्डी में ही अपना कैरियर आगे बनाना चाहती थी ।
परंतु उनके पिता की मृत्यु के बाद उनका यह सपना बिखर गया और बड़ी होने के नाते परिवार को पालने के लिए उन्हें नौकरी का सहारा लेना पड़ा।
अनिता कुंडू के जीवन का मोड तब शुरू हुआ जब उन्होंने हरियाणा पुलिस में भर्ती ली। वर्ष 2008 में अनीता कुंडू हरियाणा पुलिस में भर्ती हुई उसके बाद से उन्होंने पर्वतारोहण के कई कोर्स भी किए और तभी से उन्होंने यह ठान लिया कि वे एक उच्च स्तर पर पर्वतारोहण करेंगी।
अनिता कुंडू एक दृढ़ निश्चय महिला थी उन्होंने पर्वतारोहण और रॉक क्लाइंबिंग सीखने के लिए अपने डीजीपी से भी मदद मांगी थी 2009 में अनीता को भारत तिब्बत सीमा पुलिस के साथ एक ट्रेनिंग में भी भेजा गया जहां उन्होंने ट्रेनिंग के दौरान कई कारनामे करके खुद को साबित किया ।
उन्होंने कठिन परिश्रम करके खुद को साबित करने के लिए वजन उठाया दौड़ लगाया उसके साथ साथ जंगलों में जीवित रहने के लिए और बिना खानपान के प्रकृति द्वारा मिलने वाले आहारों से खुद को जीवित रखने का कौशल सीखा।
अनीता कुंडू ने दुनिया की सबसे ऊंची एवरेस्ट शिखर को एक बार नहीं बल्कि 3 बार फतेह हासिल की आपको बता दें कि जिस एवरेस्ट पर 3 बार चढ़ी उसकी ऊंचाई लगभग 8848 मीटर है। इसके अलावा अनीता कुंडू ने उत्तराखंड में 580 मीटर ऊंचे शिखर पर चढ़कर नाम रोशन किया ।
इसके अलावा भारत के बाहर जाकर अनिता कुंडू ने ऑस्ट्रेलिया में पिरामिड शिखर पर फतह हासिल की इसके अलावा उत्तरी अमेरिका की देनाली पर भी फतह हासिल की।
इन सभी शिखरों पर विजय हासिल करने के सम्मान में अनीता कुंडू को तेनजिंग नोर्गे नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया। अनीता कुंडू का कहना है कि महिलाएं आज किसी भी काम को कर सकती हैं और हर काम को सरलता से पूरा करने में सक्षम होती हैं।