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हरियाणावासियों को ट्रेन मे यात्रा के लिए करना पड़ा था सालो का इंतजार , 1866 मे हरियाणा मे आई थी पहली रेल,

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हरियाणा समेत देश के ज्यादातर लोगो को आज के वक़्त में जब भी कभी लम्बी दुरी तय करनी होती है तो मन में दो ऑप्शन आते है ट्रैन या प्लेन। मगर Plane की मंहगी सवारी होने के कारण आम लोग ट्रैन में सफर करना ज्यादा पसंद करते है, क्यों की एक तो ट्रैन में किराया कम है और दूसरा ये स्टेशनो पर रूकती चलती है जिस से की कोई Emergency होने पर वयक्ति किसी स्टेशन पर उतर सकता है। लेकिन क्या आपको पता है हरियाणा प्रदेश में पहली बार ट्रैन कब और कहा आयी। अगर नहीं तो आईये जानते है हरियाणा में कब सुनाई दी ट्रैन की पहली बार आवाज।

3 रेल क्षेत्र व 5 रेल डिवीजनों तक सिमटा है हरियाणा रेल नेटवर्क


बता दे कि हरियाणा राज्य में रेल नेटवर्क, 3 रेल क्षेत्रों के तहत 5 रेल डिवीजनों द्वारा कवर किया गया, जिसमे पहला उत्तर पश्चिम रेलवे क्षेत्र जिसमे बीकानेर रेलवे डिवीजन और जयपुर रेलवे डिवीजन आते है। दूसरे में उत्तर रेलवे जोन जिसमे दिल्ली रेलवे डिवीजन और अंबाला रेलवे डिवीजन आते है। तीसरे भाग में उत्तर मध्य रेलवे क्षेत्र आगरा रेलवे डिवीजन आता है। इस तरह से हरियाणा में रेलवे 3 क्षेत्रों के 5 डिवीजनों में सिमटी हुयी है।

1864 में हरियाणा में बिछी थी ट्रेन की पटरियाँ


अगर उत्तर भारत की बात करे तो 3 मार्च 1859 को, इलाहाबाद-कानपुर, उत्तर भारत में पहली यात्री रेलवे लाइन खोली गई, जो उत्तर रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत आती है, लेकिन 1864 में, ट्रेन की पटरियाँ पहली बार हरियाणा से होकर गुज़रीं जब कलकत्ता से दिल्ली तक एक ब्रॉड गेज ट्रैक बिछाया गया।

1866 में हरियाणा में चली पहली बार ट्रैन


पटरिया बिछने के बाद 1866 में, ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी की हावड़ा-दिल्ली लाइन पर ट्रेनों के माध्यम से चलना शुरू हुआ। उसके बाद 1870 में सिंधे, पंजाब और दिल्ली रेलवे ने 483 किलोमीटर लंबी अमृतसर-अंबाला-जगाधरी-सहारनपुर-गाज़ियाबाद लाइन को पूरा किया जो मुल्तान (अब पाकिस्तान में) को दिल्ली से जोड़ती है।

1876 में, दिल्ली से रेवाड़ी तक बिछी थी पटरिया


बता दे की 1876 में, दिल्ली से रेवाड़ी और आगे अजमेर तक मीटर गेज ट्रैक 1873 में राजपुताना राज्य रेलवे द्वारा बिछाया गया था। राजपुताना उस समय राजस्थान को कहा जाता था। 1884 में, राजपुताना-मालवा रेलवे ने 1,000 मिमी (3 फीट 3+3⁄8 इंच) चौड़ी मीटर गेज दिल्ली-फाजिल्का लाइन के दिल्ली-रेवाड़ी खंड को बठिंडा तक बढ़ा दिया गया था। जिसके बाद आज यहाँ पटरियों का जाल बिछा हुआ है ।

1891 में, दिल्ली-पानीपत-अंबाला-कालका लाइन खोली गई


बता दे कि 1891 में, दिल्ली-पानीपत-अंबाला-कालका लाइन खोली गई थी। 610 मिमी 2 फीट चौड़ी नैरो गेज कालका-शिमला रेलवे का निर्माण दिल्ली-पानीपत-अंबाला-कालका रेलवे कंपनी द्वारा किया गया था और इस लाइन को 1903 में यातायात के लिए खोला गया था। 1905 में लाइन को 762 मिमी (2 फीट 6 इंच) चौड़ा संकीर्ण गेज में बदल दिया गया था।



हरियाणा का सबसे बड़ा स्टेशन


आपको बता दे कि आज के वक़्त में हरियाणा में रेलवे का जाल बिछा हुवा है, लेकिन आज के वक़्त में हरियाणा का सबसे पुराणा रेलवे स्टेशन और सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन रेवाड़ी है। यहां से एक साथ 6 दिशाओं में ट्रेन छोड़ी जाती है। इसके अलावा रेवाड़ी हरियाणा का सबसे स्वच्छ रेलवे स्टेशन भी है, जिसका पूरे देश के रेलवे स्टेशनों की स्वच्छता सूची में 82वां स्थान है। Rewari Railway Junction वर्ष 1873 में बनाया गया था। 1890 तक आते-आते स्टेशन मीटर गेज (छोटी) लाइन का सबसे बड़े स्टेशनों में शामिल होने लगा था।

Anila Bansal
Anila Bansal
I am the captain of this ship. From a serene sunset in Aravali to a loud noisy road in mega markets, I've seen it all. If someone asks me about Haryana I say "it's more than a city". I have a vision for my city "my Haryana" and I want people to cherish what Haryana got. From a sprouting talent to a voice unheard I believe in giving opportunities and that I believe makes a leader of par excellence.

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