हरियाणा के करनाल सहित अन्य ज़िलो में भी धान की अच्छी पैदावार हो रही है। हालांकि बताया जा रहा है कि सरकार इस धान को खरीदती नहीं है लेकिन सरकार ने इसे ई नेम से जोड़ दिया है। बासमती प्रजाति का धान भी पिछले साल से ही डेढ़ गुने रेट पर बेचा जा रहा है। इसके अलावा भी हरियाणा की करनाल अनाज मंडी में भी धान की अच्छी आमद हो रही है।
पिछले दो महीने में ही हरियाणा की करनाल अनाज मंडी में बासमती की 1509 प्रजाति के धान की आवक भी 6 लाख क्विंटल को पार कर गई है। इससे किसानों को अच्छा दाम मिल रहा है और किसानों के बीच धान को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है।
विदेशों में भी बढ़ रही है बासमती चावल की मांग
हरियाणा में धान की अच्छी ख़ासी खेती हो रही है और किसानों में भी धान की खेती को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है। विदेशों में भी भारतीय बासमती चावल की मांग लगातार बढ़ रही है इसलिए राइस मिलर्स भी इसे हाथों हाथ खरीद रहे हैं। पिछले साल से आवक भी चार गुना बढ़ गया है। पिछले साल से किसानों को भी डेढ़ गुना भाव मिल रहा है। हालांकि सरकार द्वारा इस धान को खरीदा नहीं जा रहा है लेकिन इसे सरकार ने ई नेम से जोड़ दिया है।
सरकार ने धान की 1509 प्रजातियों को ई नेम से जोड़ा
सरकार ने बासमती की 1509 प्रजातियों के धान को ई नेम से जोड़ दिया है। इसलिए पहले सिर्फ गेट पास जारी होता था लेकिन ई नेम पोर्टल के माध्यम से धान की खरीद बिक्री होने लगी है। अब राइस मिलर्स और व्यापारियों को भी ऑनलाइन ही धान की खरीद करनी होगी। हरियाणा के किसानों का धान तो मंडी पहुँचने लगा है लेकिन यूपी से आने वाले धान में कमी देखने को मिल रही है।