हरियाणा में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए इस साल के अंत तक ई-बुक्स योजना शुरू होगी। हरियाणा साहित्य अकादमी पहले चरण में पांच सुप्रसिद्ध पुस्तकों की ऑनलाइन रिकॉर्डिंग करवा रही है।जिला स्तर पर लेखकाें की डायरेक्टरी बनाने का काम अंतिम चरण में है। इस साल से अकादमी सुषमा स्वराज स्मृति सम्मान शुरू करने जा रही है, इसमें लेखकों को पांच लाख रुपये का इनाम मिलेगा।
अकादमी के निदेशक डॉ. चंद्रत्रिखा ने बताया कि सबसे पहले मुंशी प्रेम चंद की गोदान, रामधारी दिनकर की रश्मिरथी, कुरुक्षेत्र, धर्मबीर भारती की कनुप्रिया और अंधा युग की ई-बुक्स उपलब्ध करवाई जाएंगी। इनकी रिकॉर्डिंग का काम दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। इनके साथ ही कुछ पौराणिक ग्रंथों की रिकॉर्डिंग का काम भी चल रहा है।
नए रचनाकारों के प्रोत्साहन के लिए जिला स्तर पर लेखन कार्यशालाएं प्रस्तावित हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी को बढ़ावा देने की योजना पर काम चल रहा है। भाषण कला एवं हिंदी में विशेष लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए सुषमा स्वराज स्मृति सम्मान शुरू करने जा रहे हैं।
चार नई योजनाएं
उन्होंने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में हरियाणा के हिंदी साहित्य पर पुस्तकें तैयार करवा रहे हैं। बीते वर्ष अकादमी का यूट्यूब चैनल शुरू किया था, जिसे काफी अच्छा रिस्पांस मिला है। बीते एक वर्ष के दौरान चार नई योजनाएं भी शुरू की हैं। साहित्यकार सम्मान योजना, श्रेष्ठ कृति पुरस्कार, हरिगंधा पुस्तिका का प्रकाशन और साहित्यिक आयोजन इनमें शामिल है।
भाषा विभाग के निदेशक के पास स्टाफ नहीं
हरियाणा भाषा विभाग के निदेशक मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल हैं। उनके पास भाषा विभाग में स्टाफ ही नहीं है। वह सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के स्टाफ से ही भाषा महकमे का काम भी चला रहे हैं।
पहले भाषा विभाग, शिक्षा मकहमे का हिस्सा होता था। कुछ वर्ष पहले ही इसे सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के साथ जोड़ा गया है। सरकार के हिंदी को प्रोत्साहन देने का अंदाजा इस बात से ही लगा सकते हैं कि कुछ महीने पहले आई फिल्म एवं एंटरटेनमेंट पॉलिसी पूरी अंग्रेजी में है।