दिल्ली में एक अक्टूबर से दिल्ली सरकार ने सामान्य बसों के आवागमन पर रोक लगा दी है। एक अक्टूबर के बाद दिल्ली में थ्री बेस माडल या बीएस4 माडल की बसें नहीं दौड़ेगी। इसको लेकर दिल्ली सरकार ने प्रदेश के सभी डिपो को सख्त हिदायत दी है और आदेश जारी किए है। सिर्फ बीएस6 माडल की बस या इलेक्ट्रिक बसों के चलाने की छूट रहेगी।
बीएस6 माडल
प्रदूषण को कम करने के लिए यह कदम उठाया है। इसको लेकर हरियाणा सरकार ने भी सख्ती कर दी है। प्रदेश के सभी डिपुओं को बीएस6 माडल की बसें उपलब्ध करवाई जा रही है। पहले फेज में प्रदेश के छह डिपो को बीएस6 माडल की बसें दी जा चुकी है। अब दूसरे फेज में हिसार डिपो को भी शामिल कर लिया है। अब डिपो को कुल आठ बसें मिलेगी, जो बीएस6 माडल की होंगी।
इसके बाद इन बीएस6 माडल की बसों को दिल्ली रूटों पर दौड़ाया जाएगा। दिल्ली रूट के लिए बसों का शेड्यूल बनाया जाएगा। अब तक हिसार डिपो की जितनी बसें दिल्ली रूट पर चलती थी। उनकी जगह यह बीएस6 माडल की बसें चलाई जाएगी।
यह बसें लंबी व सीटें ज्यादा होगी
यह बीएस-6 माडल की बसें पहले वाली बसों से लंबी होगी और सीटें भी ज्यादा होगी। बस की लंबाई 11 मीटर और कुल 59 सीटें होगी। वरना सामान्य रोडवेज बस की लंबाई 10 मीटर है और 54 सीटर है।
बीएस थ्री से बीएस-6 बसों के बारे में जानिये
- थ्री माडल बेस बस सामान्य होती है। यह ध्वनि और वायु प्रदूषण अधिक करती हैं।
- बीएस 4 माडल बस यह पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होती है। इनसे निकलने वाले धुएं को लिक्विड से फव्वारा मारकर साफ कर दिया जाता है। इससे धुएं का प्रदूषण जीरो हो जाता है। यह लिक्विड यूरिया से बना होती है।
- बीएस- 6 माडल बेस पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होती है और कई नोजल पाइप लगी होती है। ऐसे में प्रदूषण नहीं फैलता।