हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में संशोधित ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू करने जा रहा है। इसके तहत गुरुग्राम व फरीदाबाद समेत एनसीआर में शामिल हरियाणा के सभी 14 जिलों में एक अक्टूबर से डीजल जनरेटर के संचालन पर प्रतिबंध लग जाएगा। केवल आवश्यक सेवाओं जैसे अस्पताल, मेडिकल उपकरण चलाने, सेना से संबंधित कार्यों या अन्य इमरजेंसी हालातों में ही डीजी सेट के प्रयोग की अनुमति मिलेगी।
अस्पतालों, मेडिकल उपकरण चलाने, सेना से संबंधित कार्यों व आपातकाल में ही मिलेगी अनुमति
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन पी राघवेंद्र राव ने वीरवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रेडिड रिस्पोंस एक्शन प्लान को लेकर प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि इस बार एनसीआर में संशोधित ग्रैप लागू किया जा रहा है। इसके तहत वायु की गुणवत्ता के आधार पर ग्रैप को अलग-अलग चार स्टेज में विभाजित किया गया है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 के पार जाने पर मानी जाएगी अति गंभीर स्थिति
उन्होंने कहा कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 200 से ऊपर पहुंचने पर पहली स्टेज खराब की होगी ताे 300 से ऊपर एक्यूआइ जाने पर दूसरी स्टेज ज्यादा खराब होगी। एक्यूआइ 400 से ऊपर जाने पर तीसरी स्टेज गंभीर तथा एक्यूआइ 450 से ऊपर जाने पर चौथी स्टेज अति गंभीर की होगी।
ग्रैप लागू होने से उद्योगों में क्लीन फ्यूल के इस्तेमाल को मिलेगा प्रोत्साहन
पी राघवेंद्र राव ने कहा कि ग्रैप लागू होने पर उद्योगों में क्लीन फ्यूल के प्रयोग को प्रोत्साहन दिया जाएगा। जिन उद्योगों में पीएनजी गैस की सप्लाई है, वे अपने यहां गैस का प्रयोग करेंगे और जिन उद्योगों में गैस की आपूर्ति अभी तक नहीं हो पाई है वे बायोमास का प्रयोग फ्यूल के तौर पर करें। जहां पर गैस की पाइप लाइन ही नहीं है और बायोमास भी उपलब्ध नहीं है वे अगले तीन महीने कोयले का प्रयोग कर सकते हैं लेकिन एक जनवरी 2023 से उन्हें हर हाल में गैस पर संचालन करना होगा।
मौसम विभाग की तरह भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान वायु की गुणवत्ता के बारे में तीन दिन पहले ही पूर्व अनुमान बताएगा। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन ने अधिकारियों से कहा कि वे ढाबा, होटल और रेस्टोरेंट में कोयले के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना सुनिश्चित करें। सभी जिलों में एक जिला पर्यावरण योजना तैयार की जाए। वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए विशेष मानिटरिंग टीमों का गठन कर रात को पेट्रोलिंग करने के साथ ही आकस्मिक तौर पर चेकिंग भी की जाएगी।