चाहे तो इंसान कुछ भी कर सकता है। बुलंद हौंसलों से कोई भी व्यक्ति सफलता के मुकाम को हासिल कर सकता है। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपने बुलंद हौंसलो से वो उपलब्धि हासिल की है जो हर किसी के लिए हासिल करना काफी मुश्किल होता है। इनका नाम कल्लूराम है जो हरियाणा के चरखी दादरी के अटेला कलां के निवासी हैं।
50 साल की मेहनत का परिणाम
कल्लूराम ने 50 वर्ष की मेहनत के बाद 4 हज़ार फुट की ऊंची पहाड़ी पर पशुओं के लिए तालाब बना दिया है। ये काम कल्लूराम ने बिना किसी मदद के किया है। शुरुआत में लोगों ने कल्लूराम का मज़ाक भी बनाया था लेकिन आज वही लोग कल्लूराम की मेहनत की तारीफ कर रहे हैं ।
ऐसे आया इस तालाब को बनाने का विचार
हरियाणा के चरखी दादरी के रहने वाले कल्लूराम आज चर्चा का विषय बन गए हैं। कल्लूराम ने 4 हज़ार फुट ऊंची पहाड़ी पर पशुओं के लिए तालाब का निर्माण किया है। इस तालाब को तैयार करने में कल्लूराम को 50 वर्ष का समय लगा है। आज कई पशु इस तालाब से पानी पीकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। एक घटना ने कल्लूराम को झकझोर दिया था जिसके बाद ही कल्लूराम ने इस तालाब का निर्माण करने का फैसला किया था।
प्यास से तड़प कर मर गया गाय का बच्चा
दरअसल जब कल्लूराम 18 वर्ष के थे तो अटेला कलां की पहाड़ी पर पशुओं को चारा चराने के लिए जाया करते थे। लेकिन एक दिन गाय के एक बच्चे ने प्यास से तड़पकर अपनी जान दे दी। जिसके बाद ही कल्लूराम ने इस तालाब को बनाने का फैसला किया। अगले ही दिन कल्लूराम छैनी हथौड़ा लेकर पहाड़ी की ओर निकल पड़े। इस तालाब की लंबाई 70फुट, चौड़ाई 65 फुट और गहराई 38 फुट की है।
लोगों ने किया मज़ाक लेकिन नहीं मानी हार
जब कल्लूराम ने ये काम शुरू किया तो लोग उनका मज़ाक बनाया करते थे। इस काम में उनकी किसी ने भी मदद नहीं की। लेकिन कल्लूराम ने भी हार नहीं मानी और अकेले ही इस काम को पूरा किया। जो लोग कभी उनका मज़ाक बनाया करते थे आज वही लोग उनकी तारीफ भी कर रहे हैं। हर रोज़ इस तालाब के लिए कल्लूराम ने 8-10 घंटे का समय दिया है।