10वीं फेल है, इंग्लिश तुमको आती नहीं, भैंस की तरह रोटी खाती हो और कहीं भी डकार मार देती हो. इस फिल्म में बबली को एक लड़का यही बोलकर रिजेक्ट कर देता है और यही बबली की सबसे बड़ी खासियत है कि वो एक दम देसी है. एक दम बिंदास है और एक दम दिल से काम लेती है.
कहानी
मधुर भंडारकर एक बार फिर महिला प्रधान फिल्म लेकर आए हैं. इस बार फीमेल बाउंसर की कहानी है. कहानी ऐसे गांव की है जहां के लड़के बाउंसर बनते हैं और वहां उन्हें ट्रेन करने वाले पहलवान जी यानि सौरभ शुक्ला की बेटी है बबली यानि तमन्ना भाटिया. बबली बड़े बड़े पहलवानों को चित कर देती है. उसे लड़कियों की तरह सजना संवरना पसंद नहीं है. घरवाले बबली की शादी करवाना चाहते हैं लेकिन बबली शादी नहीं करना चाहती लेकिन फिर कुछ ऐसा होता है कि बबली बाउंसर बनना चाहती है और बाउंसर बन जाती है. फिर बबली की जिंदगी में जो कुछ होता है वही कहानी है बबली बाउंसर की.
एक्टिंग
तमन्ना भाटिया ने बबली के किरदार को जिया है. तमन्ना बिल्कुल बबली लगी हैं. हरियाणवी अंदाज को तमन्ना ने गजब का पकड़ा है. आपको देखकर लगता ही नहीं कि ये तमन्ना हैं. पूरी फिल्म में तमन्ना छाई हुई हैं और अपने दम पर वो फिल्म को खींच ले जाती हैं. एक्शन सीन हों या रोमांटिक या फिर इमोशनल. हर सीन में तमन्ना कमाल लगती हैं. अभिषेक बजाज तमन्ना के लव इंट्रेस्ट हैं और उन्होंने भी अच्छा काम किया है.
मधुर भंडारकर का डायरेक्शन हमेशा की तरह अच्छा है. मधुर ने फिल्म पर पकड़ कहीं नहीं छोड़ी है और फिल्म में हर मसाला डाला है और फिल्म 1 घंटा 55 मिनट की है
फिल्म ओटीटी पर है, डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर आप ये फिल्म देख सकते हैं.