हरियाणा में रेलवे के लिहाज से तस्वीर बदलने वाली है हरियाणा के विकास को नई पंख लगेंगे और रेलवे यातायात भी बहुत सुगम हो जाएगा रोजगार की नई रेल गाड़ी निकलेगी और हरियाणा का औद्योगिक ढांचा भी पूरी तरह से बदल जाएगा. हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है.
उत्तर प्रदेश के दादरी से मुंबई तक जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक विकसित किए जा रहे 1504 किलोमीटर लंबी वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तहत हरियाणा में वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की 306 किलोमीटर लंबी पहले सेक्शन न्यू रेवाड़ी से न्यू बाजार तक डबल डेकर कंटेनर ट्रेन चलाकर इसे पिछले साल ही शुरू किया जा चुका है।
दरअसल हरियाणा ऑर्बिटल रेल गलियारे को केंद्र सरकार की ओर से सितंबर 2020 में मंजूरी दी गई थी। इस महत्वपूर्ण परियोजना पर 5617 करोड़ रुपए की राशि खर्च होनी है। यह रेलवे गलियारा हरियाणा के पलवल से शुरू होकर हरसाना कलां स्टेशन तक जाएगा,जो दिल्ली अंबाला जंक्शन पर स्थित है रास्ते में यह दिल्ली रेवाड़ी रेलवे लाइन पर स्थित पाटली स्टेशन गड्डी हर्ष फारूक नगर लाइन पर सुल्तानपुर स्टेशन और दिल्ली रोहतक लाइन पर आसौदा स्टेशन को भी जोड़ेंगे ।
इस पूरी परियोजना में निजी निवेश भी शामिल किया जायेगा. परियोजना का काम 5 साल में पूरा होगा और इसकी अनुमानित लागत 5617 है। विशेष बात यह है कि इस परियोजना के लिए 19 गांव की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को चिन्हित कर लिया गया है। परियोजना का कुल मार्ग 130 किलोमीटर लंबा है।
निर्माण के दौरान भूमि अधिग्रहण और ब्याज सहित कुल परियोजना लागत करीब 5,566 करोड़ रुपए है। हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की ओर से केएमपी के साथ 150 से 200 फीट जगह में यह रेल लाइन बिछाई जानी है।
भारत सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज की हुई है। खास बात यह है कि परियोजना दिल्ली से शुरू होने वाले और प्रदेश से गुजरने वाले सभी मार्गों को सीधी रेल कनेक्टिविटी करेगी।
पलवल, नूह, गुड़गांव, झज्जर व सोनीपत में जमीन अधिग्रहण का चल रहा काम
केएमपी के साथ बिछाई जाने वाली इस रेल लाइन के लिए पलवल, नूह, गुड़गांव, झज्जर व सोनीपत जिले की सीमा में पड़ने वाली जमीन के अधिग्रहण का काम चल रहा है। गुड़गांव से जमीन का प्रपोजल जा चुका है। बहादुरगढ़ में धारा 3 ई के हिसाब से कार्रवाई चल रही है। प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। झज्जर के बादली व बहादुरगढ़ उपमंडल के 18 गांवों की जमीन इस प्रोजेक्ट में अधिग्रहित की जाएगी।
अधिकरियों ने बताया कि प्रोजेक्ट के लिए कुल करीब 655.92 हेक्टेयर जमीन चाहिए। इसमें से करीब 97 हेक्टेयर जमीन सरकार की विभिन्न एजेंसियों की ओर से पहले ही अधिग्रहित कर रखी है। ऐसे में इस रेलवे लाइन के लिए किसानों की 558.25 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। केएमपी के साथ 150 से 200 फीट जगह में यह रेल लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए जमीन को चिह्नित कर लिया है। निशानदेही करके पिलर भी लगा दिए हैं। केएमपी के साथ एनएच-9 को क्रॉस करने के लिए फिलहाल एलीवेटेड ट्रैक बनाने का प्रस्ताव है।
आसौदा रेलवे स्टेशन को जोड़ने के लिए लिंक लाइन बिछाने का प्रस्ताव ये होंगे स्टेशन: न्यू पलवल, सिलानी, सोहना, धूलावत, चंदला डूंगरवास, मानेसर, न्यू पाटली, बाढ़सा, देवरखाना, बादली, मांडौठी, जसौर खेड़ी, खरखौदा, तुर्कपुर।
स्पीड 120 से 160 किमी प्रति घंटा होगी: इसके अतिरिक्त उत्तर से दक्षिण राज्यों की तरफ आने जाने वाली सुपरफास्ट व माल गाड़ियों को भी इस रेलवे लाइन से रफ्तार पकड़वाई जाएगी। भारतीय रेल व हरियाणा सरकार का यह सांझा प्रोजेक्ट है। यहां पर 2024-25 में रेल चलाने का लक्ष्य रखा गया है। सोनीपत से पलवल के बीच चलने वाली इस रेल लाइन की स्पीड 120 से 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार की प्लानिंग की गई है।
ये करेंगे प्रोजेक्ट को पूरा: हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट को एचआरआईडीसी रेल मंत्रालय और राज्य सरकार दोनों मिलकर इस प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 130 किलोमीटर है। इस रेल ट्रैक पर दो रेलवे फ्लाईओवर व 153 रेलवे अंडरपास बनाए जाने हैं।
केएमपी के साथ रेलवे लाइन बनने से इंडस्ट्रीज के साथ यात्रियों को भी राहत मिलेगी। नोटिफिकेशन के तहत 36 किलोमीटर की लंबाई में करीब 18 गांव पड़ते हैं जो बादली व बहादुरगढ़ एरिया के गांव लगते हैं। जिनकी जमीन अधिग्रहण होनी है उनमें बहादुरगढ़ के गांव डाबोदा खुर्द गांव के 10.8, मेहंदीपुर की 6.3, जसौर खेड़ी की 8.7, खेड़ी जसोर की 13.2, निलोठी गांव की 6.6, मांडोठी गांव की 132.42, जाखोदा गांव की 9.1, आसौदा टोडरण की 105.83 हेक्टेयर जमीन को लिया गया है।
आसौदा व मांडोठी में स्टेशन बनना है इसलिए यहां पर ज्यादा जमीन का अधिग्रहण की गई है। इसके अलावा बादली तहसील की डाबोदा गांव की 16. 91 इस्माइलपुर की 4.2 देवरखाना की 1.5, लगनपुर की 22.10 दरियापुर की 9.06, बादली की 44.64, माजरी की 2.4, घुमाना की 3.21 व बपुनिया गांव की 28 .69 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है।