जींद, जागरण संवाददाता। जींद डिपो से बीएस-4 माडल वाली बसों की दिल्ली में एक अक्टूबर से प्रवेश पर रोक से छूट मिल गई है। अब सोमवार से पहले की तरह ही जींद डिपो से बीएस-4 बसें दिल्ली जाएंगी। इसके चलते जींद से दिल्ली जाने वाले लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि बीएस-6 की बसें धीरे-धीरे प्रदेश के रोडवेज बेड़े में शामिल हो रही हैं। जैसे-जैसे बीएस-6 की बसें आती रहेंगी वैसे-वैसे इन्हें बीएस-4 की जगह दिल्ली में चलाया जाएगा।
इसके बाद बीएस-4 बसों को प्रदेश में ही चलाया जाएगा। इस संबंध में हरियाणा राज्य परिवहन व दिल्ली परिवहन निगम के बीच बैठक भी हो चुकी है। गौरतलब है कि एक अक्टूबर से दिल्ली में बीएस-4 बसों की एंट्री पर रोक लगाने को लेकर एडवाइजरी जारी की गई थी। हरियाणा रोडवेज की ओर से दिल्ली परिवहन निगम को पत्र लिखकर मांग की गई थी कि बीएस-4 बसों को मार्च 2023 तक छूट दी जाए। अभी प्रदेश में बीएस-6 की सिर्फ 165 बसें हैं। दिल्ली सरकार ने इस मांग को मान लिया है और पहले की तरह ही बीएस-4 की बसें दिल्ली में जाती रहेंगी।
जींद डिपो में एक भी बस नहीं है बीएस-6 माडल की
जींद डिपो में सभी बसें बीएस-4 माडल या इससे पहले की हैं। एक भी बस बीएस-6 माडल की नहीं है। ऐसे में जींद से दिल्ली और गुुरुग्राम की तरफ लगभग छह से आठ बसें रोजाना जाती हैं। इसके अलावा आगरा, मथुरा जाने वाली बसों को भी दिल्ली से होते हुए ही निकलना पड़ता है। अगर दिल्ली सरकार अपने निर्णय को वापस नहीं लेती तो जींद के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता था।
जींद को 12 नई बसें मिलनी थी लेकिन एक भी नहीं मिल पाई
जुलाई माह में परिवहन विभाग के निदेशालय ने पत्र जारी करते हुए सभी डिपो को बजट जारी किया था। इसमें जींद डिपो को साढ़े तीन करोड़ का बजट जारी किया गया। डिपो ने यह साढ़े तीन करोड़ रुपये गुरुग्राम में जहां पर बसों की चेसिस तैयार की जाती है वहां जमा करवा दिए थे। तब कहा गया था कि डिपो को जुलाई माह में चार, अगस्त माह में चार और सितंबर माह में चार बसें मिल जाएंगी। जो बीएस-6 माडल की होंगी लेकिन अभी तक डिपो को एक भी बस नहीं मिल पाई है। ऐसे में इस माह में सभी बसों की आने की संभावना दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही।