हरियाणा प्रदेश में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने की मुहिम सिरे चढ़ती नजर आ रही है। निगमों की ओर से अभी तक दस लाख लक्ष्य के विपरीत साढ़े छह लाख मीटर लगा दिए गए हैं। आने वाले वक्त में हरियाणा सरकार के सभी सरकारी विभागों, बोर्ड एवं निगमों में सौ फीसदी प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है, ताकि आम लोगों में भी प्रीपेड के प्रति रुचि बन सके। जिसके बाद में हर श्रेणी के मीटर को प्रीपेड करने की योजना है, अर्थात प्रदेश में सभी मीटर प्रीपेड करने की योजना है। 2024 तक बीस लाख मीटर प्रीपेड कर दिए जाएंगे। हरियाणा बिजली निगम के चेयरमैन और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पीके दास बिजली निगमों में सुधार की मुहिम को लेकर निगमों की विभिन्न कंपनियों के आला अफसरों के साथ बैठकों में जुटे हैं। इस दौरान वे प्रीपेड मीटर के बहाने आम उपभोक्ताओं को राहत देने के साथ ही निगमों के लिए भी बड़ा कदम उठाने की तैयारी में हैं।
पांच फ़ीसदी डिस्काउंट
खास बात यह है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली निगम की दोनों कंपनियों और उपभोक्ता दोनों को फायदा होगा। इसमें पांच फ़ीसदी जहां डिस्काउंट दिया जा रहा है, वहीं स्मार्ट मीटर के साथ न्यूनतम बिल भरने का झंझट भी नहीं रहेगा। दूसरा बाहर घूमने फिरने वाले परिवारों और विदेश में ज्यादा रहने वाले लोगों को भी इसका फायदा मिलेगा। उनको कनेक्शन जुड़वाने और हटवाने में भी डिजिटल सूचना के बाद 24 घंटे के अंदर मांग के अनुसार काम हो जाएगा। प्रदेश के अंदर अभी तक 6 लाख पचास हजार कनेक्शन हरियाणा बिजली निगम लगा चुका है। सबसे पहले इनका ट्रायल पंचकूला, करनाल, पानीपत और गुरुगम शुरुआती दौर में लिए गए हैं। जहां पर परिणाम ठीक रहे हैं।
यहां पर यह भी उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की ओर से इस स्कीम को प्रमोट किया जा रहा है जिसके तहत हरियाणा में सबसे पहले 10 लाख कनेक्शन लगाने का लक्ष्य रखा दिया गया था। लेकिन हरियाणा पूरे प्रदेश के सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को प्रीपेड कनेक्शन लगाने का लक्ष्य रख चुका है। हरियाणा सरकार के सभी विभागों, निगम बोर्डों में वर्ष 2023 मार्च तक प्रीपेड मीटर लगा दिए जाएंगे, इसका सबसे बड़ा लाभ हरियाणा सरकार को मिलेगा क्योंकि इन सरकारी विभागों पर करोड़ों की राशि भुगतान की लंबित रहती है. जो एडवांस जमा होने के कारण झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। सरकारी विभागों में सौ फ़ीसदी कनेक्शन करने के बाद हरियाणा बिजली निगम की ओर से पूरे हरियाणा में प्रीपेड मीटर लगाने की मुहिम तेज कर दी जाएगी।
खास बात यह है कि हरियाणा के बिजली निगमों के सामने हरियाणा के सरकारी विभागों पर बिजली का मोटा बकाया भारी सिरदर्द वाली बात है। इसमें सबसे ज्यादा दिक्कत हरियाणा शहरी निकाय विभाग, पानी के लिए और स्ट्रीट लाइट की सप्लाई का बकाया होता है। जन स्वास्थ्य विभाग और सिंचाई विभाग और ग्रामीण पंचायती एरिया भी बिल नहीं चुकाने में टाप चार नंबरों में एक हैं। बाकी भी कईं विभाग बिल नहीं भरने के लिए कुख्यात हैं लेकिन निगम प्रीपेड कर इनसे छुटकारा चाहता है। स्ट्रीट लाइट अन्य तरह बिजली की खपत करने वाले विभागों के आंकड़ों पर गौर करें तो फिलहाल 5सौ करोड़ से ज्यादा की रकम सरकारी विभागों पर बिजली की बकाया है।
प्रीपेड के बाद चोरी पर लगाम
हरियाणा में बिजली निगमों द्वारा प्रीपेड मीटर लगा दिए जाने के बाद इससे चोरी होना बहुत ही कठिन काम होगा, हरियाणा बिजली निगम ने 2024 तक 20 लाख मीटर लगाने का लक्ष्य रखा है। बताया गया है कि प्रदेश के अंदर 58 लाख घरेलू कनेक्शन जबकि साढ़े सात लाख कृषि सेक्टर और एक लाख 18 हजार केकरीब इंडस्ट्री के कनेक्शन हैं। जिनमें सभी में प्रीपेड मीटर लगाने की योजना है। खास बात यह है कि हरियाणा के बिजली निगमों को प्रीपेड मीटर लग जाने के बाद कई प्रकार के झंझट और सिरदर्दी से मुक्ति मिलेगी। मैन पावर भी कम करनी होगी। फिलहाल बिजली निगम घरेलू उपभोक्ताओं को ढाई माह का जबकि इंडस्ट्री को एक मां का उधार देते हैं, प्रीपेड मीटर लगने के बाद यह सारी समस्या हल हो जाएगी और बिजली निगमों के पास एडवांस पैसा होगा। अर्थात मीटर रीडर के बिना ही डिजिटल मीटर की रीडिंग एकत्र हो जाएगी। वहीं से कनेक्शन जोड़ने, काटने औऱ बिजली चोरी जैसे हालात का पता लग जाएगा।
लगातार उठा रहे सुधार के लिए कदम : दास
हरियाणा बिजली निगमों के चेयरमैन पीके दास ने पूछे जाने पर कहा कि हम लगातार बिजली निगमों और ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए कदम उठा रहे हैं। इसी क्रम में प्रीपेड मीटर लगाने की मुहिम चल रही है। इसके बेहद ही अच्छे परिणाम आ रहे हैं। हम पहले सरकारी विभागों और बाद में सभी श्रेणियों के ग्राहकों के लिए मीटर लगाने का काम करेंगे, हालांकि यह अनिवार्य नहीं होगा लेकिन ग्राहकों को फायदा होगा, तो वे बदलवाने की खुद ही पहल करेंगे।