आज के समय में बेटियां हर वो चीज हासिल कर सकती हैं, जो वह चाहती हैं। हर क्षेत्र में वह अपने नाम के झंडे गाड़ रही हैं। खेल हो या देश की रक्षा में भागीदारी, हर जगह बेटियों ने कमाल कर दिखाया है।
जिंदगी में इंसान को मंजिल रंग-रुप, कद या पैसा देखकर नहीं मिलती, उसके लिए मेहनत और हौंसला रखना पड़ता है। परंतु क्या आपने सोचा है कि यदि व्यक्ति सुन ना सके और बोल भी ना सके तो क्या उससे अपनी मंजिल मिल सकती है।
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आज हम आपको ऐसी ही एक महिला वकील की कहानी बताने जा रहे हैं।
हरियाणा के फरीदाबाद की रहने वाली महिला सुदामिनी ने इतिहास रचा है। बता दें कि सुदामिनी मूक बधिर हैं जो बोल और सुन नहीं सकती। सुदामिनी ने दिन रात एक कर व अपनी मेहनत से मूक बधिर वकील बनकर इतिहास रच दिया। दरअसल आपको बता दें कि सुदामिनी मूक बधिर वकील बनकर हरियाणा की पहली व देश की दूसरी मूक बधिर वकील बनी हैं।
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सुदामिनी के पति भी मूक बधिर हैं, और उनका एक 15 साल का बेटा भी है जो पूर्ण रूप से सामान्य है। इसके अलावा सुदामिनी के माता पिता व एक छोटी बहन भी है। सुदामिनी ने बताया कि वो उन लोगों के लिए काम करना पसन्द करेंगी जो बधिर लोग हैं । जिनको वकील की तलाश है।