विषम परिस्थितियों में साहस की मूर्ति बनकर आने वाली महिलाएं अदम्य शक्ति का प्रतीक हैं। पुलिस की नौकरी में साहस की हर रोज परीक्षा होती है। स्थिति चाहे जैसी भी हो एनआइटी महिला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर माया रानी के साहस में कभी कमी नहीं दिखाई देती।
साहस के बूते ही माया बिहार के सिवान जिले से दुष्कर्म के एक आरोपित को दबोच लाई थीं। उनके इस कार्य की पूरे पुलिस महकमे ने प्रशंसा की। तत्कालीन पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने उन्हें प्रशस्ति पत्र और नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया था और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी उन्हें सम्मानित कर मान बढ़ाया। पीड़ित परिवार को दी राहत
इंस्पेक्टर माया रानी महिला थाना बल्लभगढ़ में प्रभारी के तौर पर नियुक्त थीं। एक युवती ने शिकायत दी कि उसके साथ फैक्ट्री में काम करने वाले युवक ने दुष्कर्म किया और उसकी अश्लील वीडियो और फोटो मोबाइल में ले लीं। इसके बाद आरोपित बिहार फरार हो गया। वहां से वह युवती व उसके परिवार वालों को वीडियो और फोटो वायरल करने की धमकी देकर रुपयों के लिए ब्लैकमेल करने लगा। काफी हिम्मत के बाद परिवार ने थाना प्रभारी इंस्पेक्टर माया रानी को शिकायत दी।
बिहार के सिवान तक पहुंची माया
परिवार ने कहा उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं है। इंस्पेक्टर माया ने यह आपरेशन खुद ही सिरे चढ़ाने का निर्णय लिया। उन्होंने साइबर थाना पुलिस की मदद से पता किया कि आरोपित बिहार जिले के सिवान में छिपा हुआ है। यहां छापेमारी करने की पुरुष पुलिसकर्मी भी हिम्मत नहीं कर पाते। इंस्पेक्टर माया तीन महिला व चार पुरुष पुलिसकर्मियों की टीम लेकर बिहार रवाना हो गईं।
आरोपित को पकड़ने के लिए छत से लगा दी छलांग
आरोपित जंगल में सुनसान जगह पर बने मकान में छिपा था। चारों ओर गन्ने के खेत थे और बिजली न होने के कारण अंधेरा था। पुलिस को आया देखकर आरोपित छत से कूदकर गन्ने के खेतों की तरफ भाग निकला। माया रानी भी टीम के साथ छत से कूद गईं और आरोपित के पीछे दौड़ लगा दी। रात के अंधेरे में करीब आधे किलोमीटर तक पीछा कर आरोपित को धर दबोचा और उसे फरीदाबाद लाकर अदालत में पेश कर दिया। आरोपित के पास से वह मोबाइल भी बरामद कर लिया, जिसमें उसने युवती के अश्लील वीडियो और फोटो छिपा रखी थीं। आरोपित के पकड़े जाने के बाद पीड़ित परिवार ने राहत की सांस ली।
80 महिलाओं को ब्लैकमेल करने वाला ट्रक ड्राइवर पकड़ा
एक ट्रक चालक महिलाओं की फेसबुक या वाट्स-एप से फोटो लेकर एडिट कर अश्लील बना देता था। इसके बाद वह फोटो वायरल करने की धमकी देकर महिलाओं से अश्लील चैट करता था। उनसे अश्लील फोटो और वीडियो मंगवाता था। उसने करीब 80 महिलाओं को अपने चंगुल में फंसाया हुआ था। महिलाएं किसी को आपबीती भी नहीं बता पा रही थीं। इंस्पेक्टर माया ने करीब चार महीने की मशक्कत के बाद इस आरोपित को गिरफ्तार कर महिलाओं को राहत दी। महिला सशक्तीकरण के लिए की प्रदेश में यात्रा
महिला सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए प्रदेश में लोगों को जागरूक करने को 16 महिला पुलिसकर्मियों ने साइकिल यात्रा की थी। इंस्पेक्टर माया ने इस यात्रा का नेतृत्व किया था। ये महिला पुलिसकर्मी 25 दिन में प्रदेश के 22 जिलों में गईं और 1194 किलोमीटर की दूरी तय की।
50 से अधिक आरोपितों की धरपकड़ की
इंस्पेक्टर माया रानी महिला विरुद्ध अपराध के 50 से अधिक आरोपितों को दूसरे जिलों या राज्यों से पकड़कर लाई हैं। उनका कहना है कि पुलिस की वर्दी पहनने के बाद महिला-पुरुष का भेद खत्म हो जाता है। वे खुद को किसी भी मामले में पुरुष पुलिसकर्मियों से कमतर नहीं आंकती।