जिस कचरे की वजह से गंदगी फैल रही है। उससे ग्राम पंचायतें कमाई कर रही हैं। स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत गांवों में अभियान चलाया गया। जिसमें सभी गांवों में पालिथीन प्लास्टिक व अन्य वेस्ट एकत्र किया गया। इस दौरान 14 क्विंटल पालिथीन इकट्ठा की गई। इस पालिथीन को 800 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचा जाएगा। यह पैसा स्वच्छता के कार्याें पर खर्च किया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन की ओर से 15 सितंबर से दो अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम चलाया गया। जिसमें 490 ग्राम पंचायतों को कवर किया गया। इसके लिए सात-सात गांवों के 63 कलस्टर बनाए गए। प्रत्येक कलस्टर पर नोडल अधिकारी भी लगाए गए। जिनके दिशा निर्देशन में स्वच्छता अभियान चलाया गया। ग्रामीणों के साथ मिलकर यह अभियान चलाया गया। इसमें ग्रामीणों को स्वच्छता का पाठ भी पढ़ाया गया।
हर दिन हुई अलग-अलग गतिविधियां
स्वच्छता पखवाड़ा के तहत हर दिन गांवों में अलग-अलग गतिविधियां कराई गई। आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर, स्वयं सहायता समूह, नंबरदार व अन्य मौजिज लोगों के साथ मिलकर अभियान चलाए गए। किसी दिन ग्रामीणों को स्वच्छता के बारे में जागरूक किया गया, तो किसी दिन ग्रामीणों ने मिलकर सफाई अभियान चलाया। प्लास्टिक वेस्ट एकत्र किया गया। जिसे कचरा शेड में रखवाया गया। इसके अलावा गलियों व नालियों की सफाई कराई गई।
स्वच्छ भारत मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक बलिंद्र कटारिया ने बताया कि स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत 15 दिनों तक गांवों में अभियान चलाया गया। ग्रामीणों को स्वच्छता के बारे में जागरूक किया गया। इस अभियान का उद्देश्य यही है कि ग्रामीण जिम्मेदारी समझे और स्वच्छता में लगातार सहयोग दें।”