दुबई सरकार ने निवेश प्रोत्साहन और भूमि विकास जैसी विभिन्न आॢथक गतिविधियों में सहयोग के लिए हरियाणा सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप दिया है। इन गतिविधियों में रियल एस्टेट डिवैल्पमैंट, औद्योगिक पार्क, आई.टी. पार्क, बहुउद्देश्यीय टावर, मिक्स यूज टाऊनशिप, इनोवेशन सैंटर और लॉजिस्टिक्स से संबंधित परियोजनाएं शामिल हैं।
समझौता ज्ञापन की शर्तों के तहत, दुबई सरकार सहयोग के संभावित क्षेत्रों की पहचान करने में सहयोग करने के लिए एक उपयुक्त इकाई की पहचान, कानूनी एवं वित्तीय सहयोग, व्यवहार्यता अध्ययन, वार्ता आयोजित करने सहित परियोजनाओं की व्यवहार्यता का आकलन करेगी। साथ ही, संयुक्त अरब अमीरात में स्थित संभावित निवेशकों, जो भारत में निवेश करने में रुचि रखते हैं, उनकी पहचान करने और उनसे संपर्क स्थापित करने में हरियाणा सरकार का सहयोग करेगी। हरियाणा सरकार अपनी मौजूदा नीतियों के अनुसार दुबई सरकार के किसी भी या सभी निवेशों के संबंध में वित्तीय प्रोत्साहन और अन्य लाभ प्रदान करने का प्रयास करेगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य की प्रमुख मैगा परियोजनाओं के विपणन के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल 3 और 4 अक्तूबर को संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर गए थे। प्रतिनिधिमंडल में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस. ढेसी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव और हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम के अध्यक्ष वी. उमाशंकर और एच.एस.आई.आई.डी.सी. के प्रबंध निदेशक विकास गुप्ता शामिल थे। इस समझौता ज्ञापन से हरियाणा में निवेश को बढ़ावा देने और दुबई व हरियाणा के बीच आॢथक एवं सांस्कृतिक संबंधों के मजबूत होने की उम्मीद है।
प्रमुख औद्योगिक राज्यों में से एक के रूप में उभरा हरियाणा
हरियाणा अपने अद्वितीय भौगोलिक स्थिति, 34 औद्योगिक मॉडल टाऊनशिप और 28,540 एकड़ में फैले औद्योगिक संपदा के मजबूत औद्योगिक बुनियादी ढांचे, मजबूत कनैक्टिविटी, मजबूत नीतिगत ढांचा और कुशल मैनपावर के साथ भारत के प्रमुख औद्योगिक राज्यों में से एक के रूप में उभरा है। हरियाणा की शुरू की जा रही मैगा परियोजनाएं जैसे ग्लोबल सिटी प्रोजैक्ट, जो कि 1080 एकड़ में विकसित की जा रही एक मिक्स्ड लैंड उपयोग परियोजना है, जिसमें जीवन की गुणवत्ता, बुनियादी ढांचे और परिवेश के मामले में किस प्रकार यह परियोजना भविष्य के शहर के लिए एक आदर्श सिटी की परिकल्पना की गई है। दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरीडोर से लॉजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान करने और एन.सी.आर./उत्तरी राज्यों व मुम्बई बंदरगाह के बीच आॢथक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए नांगल चौधरी में 886 एकड़ में विकसित किया जा रहा इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब, हिसार में 7200 एकड़ में विकसित किया जा रहा एकीकृत विमानन हब और एविएशन हब के आसपास के क्षेत्र में 300 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जा रहा एकीकृत विनिर्माण कलस्टर तथा आई.एम.टी. सोहना में स्थापित किए जा रहे इलैक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर इत्यादि प्रमुख हैं।