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हरियाणा की बेटी बनीं IAS अफसर, हफ्ते में सिर्फ दो दिन करती थी पढाई

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यह बात तो हम सभी जानते हैं कि यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा के लिए तैयार होना काफी मेहनत का काम है. जहाँ इस एग्जाम की तैयारी काफी मुश्किल है तो वहीँ इसमें पास होना तो उससे भी कहीं अधिक कठिन काम है. यूपीएससी की एग्जाम के लिए हर स्टूडेंट को काफी मेहनत और प्रयास करने की जरूरत होती है.

लेकिन इसके बावजूद भी कई ऐसे स्टूडेंट हैं जो इस एग्जाम में पास होकर खुद को साबित करते हैं. हम आपको आज एक ऐसी ही आईएएस ऑफिसर देवयानी (IAS officer Devyani) के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने प्रयास से इस मुकाम को हासिल किया है.

देवयानी ने संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज (Civil Services Exam) की परीक्षा के लिए काफी मेहनत की और अपने सपने को पूरा किया. उन्होंने यूपीएससी 2020 की परीक्षा में हिस्सा लिया और पास भी हुईं. देवयानी को इस एग्जाम में ऑल इंडिया लेवल पर 11वीं रैंक (IAS Devyani got 11th Rank in UPSC) हासिल हुई.


कौन हैं आईएएस देवयानी ? Who is IAS Devyani ?



हरियाणा की रहने वाले देवयानी एक आईएएस ऑफिसर हैं और देश की सेवा के लिए अपने कदम बढ़ा रही हैं. देवयानी ने अपने अथक प्रयास और मेहनत से आईएएस का पद हासिल किया है. इसके साथ ही उन्होंने अपने परिवार का नाम भी रोशन किया है.

आईएएस देवयानी की बायोग्राफी : IAS Devyani Biography :



देवयानी का जन्म महेंद्रगढ़, हरियाणा में हुआ था. आईएएस ऑफिसर देवयानी के पिता का नाम विनय सिंह है और वे हिसार में संभागीय आयुक्त के पद पर काम कर रहे हैं. शुरुआत से ही देवयानी ने अपने पिता को सरकारी नौकरी में देखा है और इसके चलते ही उनका सपना भी अपने पिता की तरह ही बनना था.

बात करें देवयानी की पढ़ाई की तो उन्होंने एसएच सीनियर सेकेंडरी स्कूल, चंडीगढ़ से ही अपनी शुरूआती पढ़ाई भी पूरी की है. इसके बाद देवयानी ने अपनी आगे की पढ़ाई बिट्स पिलानी गोवा कैंपस से की. यहाँ से देवयानी ने इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन पूरा किया.

अपनी पढाई को पूरा करने के बाद देवयानी का सपना यूपीएससी परीक्षा को पास करने का था और इसे ही उन्होंने अपने लक्ष्य के रूप में भी निर्धारित कर लिया. बचपन से ही प्रशासनिक सेवा में शामिल होने का सपना देखने वाली देवयानी ने यूपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दिया.

देवयानी ने इसके लिए काफी मेहनत भी की लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें शुरू के तीन सालों तक केवल असफलता का सामना करना पड़ा. हालाँकि देवयानी ने इसके बाद भी हार नहीं मानी और अपने चौथे प्रयास में सिविल सर्विसेज की एग्जाम को पास किया. चौथे प्रयास में देवयानी 222वीं रैंक मिली और उनका चयन सेंट्रल ऑडिट विभाग में हुआ. इसकी ट्रेनिंग भी शुरू हो गई और देवयानी का सिलेक्शन राजस्थान सिविल सेवा में किया गया.

लेकिन देवयानी ने साल 2020 में फिर से यूपीएससी परीक्षा दी और ऑल इंडिया लेवल पर 11वीं रैंक हासिल की. इसके साथ ही उनका वह सपना भी पूरा हो गई जिसके लिए वे इतने समय से मेहनत कर रही थीं.

देवयानी बताती हैं कि राजस्थान सेंट्रल विभाग (Rajsthan Central Department) में उनके सिलेक्शन के बाद उन्हें तैयारी के लिए भी पर्याप्त समय नहीं मिलता था. वे इसके लिए केवल शनिवार और रविवार को ही पढ़ाई करती थीं. देवयानी ने अपने वैकल्पिक सब्जेक्ट में अधिक नंबर लाने को ही अपना लक्ष्य बनाया था और उन्होंने यह कह भी दिखाया. वे रोजाना अख़बार पढने और माॅक टेस्ट पर ध्यान देती रहीं

देवयानी हरियाणा के हिसार से आती है, और वहा के संभागीय आयुक्त विनय सिंह की बेटी हैं। शुरू से ही पिता को एक सिविल सेवक के रूप में काम करते देख वह भी अपने पिता जैसा बनना चाहती थी। क्यूंकी वह पिता को प्रेरणा मानती हैं। ऐसा नहीं है की देवयानी ने पहले कभी आईएएस (IAS) बनने की न ठानी हो।

देवयानी के IAS बनने का सफर साल 2015 से शुरू हुआ था , उसने 2015, 2016 व 2017 में UPSE की परीक्षा दी पर असफल रही। पहले और दूसरे प्रयास में देवयानी प्री एग्जाम भी नहीं पास कर पाई थीं, पर साल 2017 में वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंची पर फाइनल लिस्ट में नाम नहीं आया।

देखते ही देखते 3 साल गुजर गए इतने में कोई भी हार मान जाए। इतनी साहस और महनत करने की लग्न शायद ही किसी मे हो।देवयानी ने हार नहीं मानी और फिर 2019 में परीक्षा देने की ठानी और 2019 के एग्जाम में सफलता हासिल कर 222वीं रैंक पाने में वह सफल रहीं।

Anila Bansal
Anila Bansal
I am the captain of this ship. From a serene sunset in Aravali to a loud noisy road in mega markets, I've seen it all. If someone asks me about Haryana I say "it's more than a city". I have a vision for my city "my Haryana" and I want people to cherish what Haryana got. From a sprouting talent to a voice unheard I believe in giving opportunities and that I believe makes a leader of par excellence.

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