हरियाणा की राजनीति के दिग्गज रहे पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के परिवार को हर महीने लाखों रुपये की पेंशन मिल रही है। अभी तीन सदस्य चार पेंशन ले रहे हैं। इस सूची में जल्दी पूर्व विधायक के नाते कुलदीप बिश्नोई का नाम भी जुड़ जाएगा। कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए कुलदीप को अभी पूर्व विधायक के तौर पर पेंशन मिलना शुरू नहीं हुई है।

वर्तमान में भजनलाल की पत्नी जसमा देवी पूर्व विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी होने पर दो पेंशन प्राप्त कर रही हैं। उनके बड़े बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई भी पूर्व विधायक की पेंशन पा रहे हैं। छोटी बहु रेणुका बिश्नोई को भी पूर्व विधायक की पेंशन मिल रही है। जसमा देवी आदमपुर विधानसभा सीट से जुलाई 1987 से अप्रैल 1991 तक विधायक रही हैं। उन्हें प्रतिमाह 77 हजार रुपये की पेंशन मिलती है, इसमें एक कार्यकाल के एवज में 50 हजार रुपये बेसिक पेंशन, उस पर 34 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत भत्त्ता और 10 हजार रुपये प्रतिमाह विशेष यात्रा भत्ता शामिल हैं। सरकार ने हाल ही में महंगाई राहत भत्ता 34 प्रतिशत से बढ़ाकर 38 प्रतिशत कर दिया है, इसलिए जसमा देवी की पूर्व विधायक के तौर पर मासिक पेंशन जल्द ही प्रतिमाह 79 हजार रुपये हो जाएगी।

जसमा देवी को भजन लाल की धर्मपत्नी के तौर पर प्रतिमाह 99 हजार 619 रुपये की फैमिली पेंशन भी प्राप्त हो रही है। भजन लाल एक बार हरियाणा से राज्यसभा और तीन बार लोकसभा सदस्य भी रहे हैं। भजन लाल के बड़े पुत्र चंद्रमोहन चार बार विधायक बने। पहली बार कालका विधानसभा सीट से उपचुनाव जीतकर जुलाई 1993 से मई 1996 तक विधायक रहे। दूसरी बार मई 1996 से दिसंबर 1999 तक, तीसरी बार मार्च 2000 से मार्च 2005 तक और फिर मार्च 2005 से अगस्त 2009 तक सदन के सदस्य रहे। पूर्व विधायक के तौर पर चार कार्यकाल के एवज में उन्हें प्रतिमाह 1 लाख 52 हजार 700 रुपये पेंशन मिल रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री की पुत्रवधु रेणुका बिश्नोई दो बार हरियाणा विधानसभा की सदस्य रही हैं। पहली बार आदमपुर सीट से उपचुनाव में विधायक के तौर पर फरवरी 2012 से अक्तूबर 2014 तक और फिर हांसी सीट से नवंबर 2014 से नवंबर 2019 तक कार्यकाल पूरा किया। उन्हें प्रतिमाह 1 लाख रुपये पेंशन राशि मिलती है। भजन लाल के छोटे पुत्र कुलदीप बिश्नोई 4 बार आदमपुर हलके से विधायक रहे हैं, उन्हें पूर्व विधायक के तौर पर फिलहाल पेंशन प्राप्त नहीं हो रही है। जिस माह से उनका त्यागपत्र विधानसभा स्पीकर ने स्वीकार किया है, तब से उन्हें प्रतिमाह सवा लाख रुपये से ऊपर पेंशन मिलेगी। कुलदीप 14वीं-15 वीं लोकसभा के सदस्य भी रहे हैं, इसालिए उन्हें पूर्व सांसद के तौर पर केंद्र सरकार से भी पेंशन मिलती है
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत ने विधानसभा सचिवालय में आरटीआई लगाकर यह जानकारी हासिल की है। उन्होंने बताया कि अगर कोई पूर्व विधायक फिर से विधायक या सांसद निर्वाचित होता है, तो उस कार्यकाल के वेतन-भत्ते पूर्व विधायक के तौर पर मिल रही पेंशन में जुड़ जाते हैं, डबल पेंशन नहीं मिलती।