दहेज न केवल लेना, बल्कि देना भी एक सामाजिक बुराई है. ऐसे में लोगों को हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि इस सामाजिक बुराई को त्याग कर समाज के सामने एक अनूठी मिसाल पेश करें. ऐसी ही एक मिसाल भिवानी के डोबी तालाब के नजदीक की स्थित टाईयान पाना निवासी रामोतार सिंह तंवर ने पेश की है. रामोतार सिंह तवर ने अपनी बेटी प्रवीण की शादी बिना दहेज दिए की, वही उन्होंने समाज की रूढ़िवादी सोच को ठेंगा दिखाते हुए समाज के लिए मिसाल पेश की.

फौजी ने अपनी शादी में दहेज लेने से किया मना
रामोतार तंवर की इस सोच की सराहना करते हुए राष्ट्रीय सम्मान संस्था के संस्थापक नेत्रपाल तंवर ने बताया कि टाईयान पाना निवासी रामोतार अपनी बेटी प्रवीण का शगुन गांव रतेरा निवासी सुनील चौहान के पुत्र गौरव सिंह चौहान के घर लेकर गए थे. बता दे कि दूल्हा गौरव भारतीय सेना में सैनिक है. रामोतार ने अपनी बेटी का शगुन 1 रुपया व नारियल देकर किया, जिसे सुनील चौहान ने सहर्ष स्वीकार किया. साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि रामोतार तंवर व सुनील चौहान ने जो यह मिसाल पेश की है वह समाज के लिए शानदार है.

समाज की रूढ़िवादी सोच को कुचलने के साथ बना मिसाल
ऐसे लोग सम्मान के पात्र हैं. जिन्होंने रूढ़िवादी सोच को कुचलने का काम किया है. समाज के लिए दहेज लेना और देना दोनों ही अभिशाप है. जो मौजूदा समय में युवा पीढ़ी को खोखला करने का काम कर रही है. ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि इस तरह की मिसाल देकर युवा साथियों को प्रेरित किया जाए. ऐसा करने से ही हमारी आने वाली पीढ़ी इस अभिशाप से मुक्त हो पाएगी. रामोतार तंवर और सुनील चौहान ने अन्य लोगों से भी अहान किया कि वह दहेज जैसी सामाजिक बुराइयों को मिटाने का काम करें.