अंतरराष्ट्रीय एमएमए (मिक्स मार्शल आर्ट्स) खिलाड़ी व दंगल गर्ल बलाली बहनों की ‘छोटी’ रितु फौगाट 8 नवंबर को सोनीपत निवासी सचिन छिक्कारा के साथ परिणय सूत्र में बंधेंगीं. शादी में वह बेटी बचाने का आठवां फेरा भी लेंगी. विशेष बात यह कि शादी एक रुपये और नारियल के शगुन के साथ सादे समारोह में होगी. रीतु शनिवार, 5 नवंबर से बान पर बैठेगी और शाम को महिला संगीत में फौगाट बहनें देशी गानों पर थिकरेंगी.
बता दें कि महाबीर फौगाट की चार बेटियों में से गीता, बबीता व संगीता की पहले ही शादी हो चुकी है. उनकी बहन ‘छोटी’ रीतु फौगाट की शादी की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. बारात की तैयारियों में फौगाट परिवार शादी को बेहतर व सादगी के साथ करेंगे. अन्य बेटियों की भांति रीतू फौगाट की शादी में भी एक रुपए व नारियल का शगुन होगा
शादी समारोह गांव से तीन किलोमीटर दूर स्थित महाबीर फौगाट एकेडमी झोझू कलां में सादगी के साथ आयोजित किया जाएगा. गीता-बबीता व संगीता ने अपनी शादी में आठवां फेरा लेते हुए बेटी बचाओ अभियान को रीतु फौगाट भी जारी रखेंगी. बता दें कि रितु द्रोणाचार्य अवॉर्डी पहलवान महाबीर फौगाट की बेटी और दंगल गर्ल गीता व बबीता फौगाट की छोटी बहन हैं.
रितु कॉमनवेल्थ की गोल्ड मेडलिस्ट और वर्ल्ड चैंपियनशिप अंडर-23 की सिल्वर मेडलिस्ट भी रह चुकी हैं. वर्ष 2019 में उन्होंने कुश्ती को अलविदा कहकर एमएमए जॉइन किया था. वह वन चैंपियनशिप में करीब 20 मुकाबले जीत चुकी हैं. एमएमए ज्वाइन करने वाली वो देश की पहली महिला खिलाड़ी भी हैं.
बिना दहेज होगी शादी, देशी खाने का होगा मीनू
अर्जुन अवार्डी बबीता फौगाट के पिता द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर पहलवान ने बताया कि रीतु की शादी साधारण व हिंदू रीति रिवाज अनुसार होगी. पहलवानों के लिए देशी घी का हलवा, सरसों का साग व खीर-चूरमा बनाया जाएगा
बाबलू घर छोड़ने को नहीं मन, पर रीति-रिवाज जरूरी
अंतरराष्ट्रीय एमएमए खिलाड़ी रितु फौगाट ने कहा कि उसका मन बाबलू का घर छोड़ने को नहीं है. रीति-रिवाज अनुसार बाबूल का घर छोड़कर पिया के घन जाना होता है. शादी की तैयारियां चल रही हैं और वह अपनी बड़ी बहनों की तरह शादी में आंठवा फेरा लेते हुए भ्रूण हत्या के खिलाफ बेटी बचाने का संकल्प लेंगी.
ये है सिंपल होने वाली इस शादी का पूरा प्रोग्राम
गांव बलाली से करीब तीन किलोमीटर दूर झोझू कलां के महाबीर फौगाट खेल एकेडमी में 8 नवंबर को शाम 4 बजे सचिन छिक्कारा बारातियों के साथ पहुंचेंगे. शाम 5 बजे लगन व भोज रहेगा. इसमें पारिवारिक, ग्रामीण और रिश्तेदार ही मौजूद रहेंगे. रात को फेरे होंगे और उसके बाद रीतू अपनी ससुराल के लिए विदा होगी.