आपने अक्सर अपनी जिंदगी में पति -पत्नी, प्रेमी – प्रेमिका के प्यार कि कहानी को अमर होते सुना है। लेकिन आज हम आपको जो अमर प्रेम की कहानी बताएंगे वो किसी लड़के या लड़की के प्रेम की अमर कहानी नहीं है, बल्की दो बहनों के आपस के अमर प्रेम की कहानी है।
ये कहानी हैं डाबोदा खुर्द गांव में जन्मी माया देवी और उनकी छोटी बहन मिश्री देवी की जिनका जन्म एक ही घर में हुआ। बता दें कि माया देवी का जन्म करीब 88 साल पहले हरियाणा के डाबोदा खुर्द गांव में हुए था। उनके जन्म के ठीक 6 साल बाद उनकी छोटी बहन मिश्री देवी का जन्म हुआ।

बचपन से ही दोनों बहनों में बहुत ज्यादा प्यार था। दोनों बहन बचपन से एक साथ बिना लड़े प्यार से मिल जुल कर रहीं। उनके बड़े होने पर जब उनकी शादी का समय आया तो तब भी दोनों बहनों की शादी गांव छुड़ानी (झज्जर) के एक ही घर में हुआ। हालाकि की माया देवी की शादी 1954 में जिले सिंह के साथ हुई और मिश्री देवी की शादी
1962 में माया देवी के देवर रामेश्वर से से हुई।
देवरानी जेठानी बनने के बाद भी दोनों बहन के प्यार में कभी कमी नहीं आई। दोनो हर सुख दुख में एक साथ रहीं।
दोनों एक साथ मिलकर घर और खेत का काम करती थीं।
समय बीतता गया और दोनों बहनों में प्यार बढ़ता गया।
ढलती उम्र के साथ ही दोनों के पति चल बसे।

लेकिन इन दोनों बहनों का साथ बीते हुए सोमवार को छूट गया। दरअसल सोमवार को। सुबह 4:30 बजे मिश्री देवी ने अपने प्राण त्याग दिए, बड़ी बहन माया देवी छोटी बहन का बिछड़ने का गम सहन नहीं कर पाई और उन्होंने भी सोमवार की सुबह ही लगभग 2 घंटे बाद 6:30 बजे अपने प्राण त्याग दिए।
बहनों के इस अटूट प्रेम को देखते हुए उनके परिवार वालों ने दोनों की एक साथ शव यात्रा निकाली और एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार किया।