हरियाणा की बेटियां इतनी तरक्की कर रहीं हैं कि, वह आज किसी के पहचान की मोहताज नहीं हैं। ऐसी ही एक बेटी है हरियाणा के करनाल जिले की निशा सोलंकी जो राज्य की पहली महिला ड्रोन पायलट बनी है। वह अब अपने इस हुनर से राज्य के किसानों की भी मदद करेंगी।
निशा ने जानकारी देते हुए बताया कि,” महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविघालय करनाल में उनका आरपीटीओ शुरू होगा। जहां पर वह किसानों को एक हफ़्ते तक ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण देंगी, जिसके बाद उन्हें पायलट का लाइसेंस दिया जाएगा।”बता दें कि भारत सरकार ने एमएचयू को प्रशिक्षण देने के परमिशन दे दी है।
इसके अलावा निशा ने कहा कि,” खेती किसानी में महिलाओं का पुरुषों के बराबर महत्व होता है, लेकिन उनके महत्व को कम माना जाता है। इसलिए मैंने एग्रीकल्चर इंजीनियर की और सोचा कि इस लिक से हटकर काम किया जाए। इसी सोच को पुरी करते हुए मैंने ड्रोन पायलट बनने की सोची ओर मेहनत ओर लग्न से अपना सपना पूरा किया।”
इसी के साथ आपकों बता दें कि निशा ने डीसीए से सर्टिफाइड कोर्स करके एग्रीकल्चर इंजीनियर मे डिग्री हासिल की है। और अब वह प्रदेश की प्रथम महिला ड्रोन पायलट बन गई हैं। अपने इन कारनामों की वज़ह से निशा
प्रदेश की दूसरी बेटियों के लिए एक आदर्श बन चुकी हैं, अब प्रदेश की दूसरी बेटियां भी इनकी तरह ही कैरियर बनाना चाहती हैं।
पायलट बनने के बाद निशा दिल्ली के प्रगृति मैदान के ड्रोन फेस्टीवल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिल चुकी हैं। इस फेस्टिवल के दौरान उन्होंने कहा कि,” उनका एग्रीकल्चर इंजीनियर करने के पीछे मुख्य मकसद था कि वह किसानों को नई-नई तकनीकों से जोड़ सकें। जिससे न केवल किसानों को वर्तमान में फायदा हो, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी इसका लाभ पहुंचे।”
आपकों बता दें कि ड्रोन के साथ खेती करने के अनेक फायदे हैं,जो किसानों के लिए वरदान साबित होंगे। इस ड्रोन की सहायता से किसान पानी का स्प्रै करके न केवल पानी की बचत करेंगे, बल्कि साथ ही मित्र कीटों को भी बचा सकते हैं। अब जहां एक एकड़ में पानी सप्रे करने के लिए 200 लीटर पानी की आवश्यकता होती है।वहीं अब इन ड्रोन से केवल 10 लीटर पानी में ही स्प्रे किया का सकेगा।