हरियाणा की बेटियां इतनी काबिल हैं कि उन्होंने आज पढ़ाई लिखाई और खेलकूद में प्रदेश का ही नहीं बल्कि देश का भी खूब नाम रोशन किया है। इन्हीं काबिल बेटियों में से एक हैं हरियाणा के करनाल जिले की शिबा मग्गो, जो पांच बार एशियाई खेलों में हिस्सा ले चुकी हैं।
शिबा मग्गो को साल 2002 में हुए एशियाई खेलों में पांचवां स्थान मिला था। इसके अलावा वह 2006 में ऑस्ट्रेलिया में राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थीं। फिलहाल अभी शिबा प्रमाणित रेफरी भी हैं।
उन से बातचीत करनें पर उन्होंने बताया कि,” जब उन्होंने खेलना शुरू किया था तो, उनके पास इतनी सुविधाएं नहीं थीं। उस समय खिलाड़ियों के पास ज्यादा विकल्प नहीं होते थें। लेकिन अब समय के साथ परिस्थितियां बदल चुकी हैं, अब खिलाड़ियों के पास ज्यादा सुविधाएं भी है और विकल्प भी। हमारे खिलाड़ी अब दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं।”
बता दें कि शिबा मग्गो साल 2020 से MTNL की स्पोर्ट्स अफसर हैं। इस के साथ ही वह बास्केटबॉल में भारतीय टीम का भी नेतृत्व कर चुकीं हैं। उनके पति धर्मवीर सिंह भी खिलाड़ी हैं और वह ध्यानचंद अवार्ड जीत चुके हैं। उनके 2 जुड़वा बच्चें भी है एकम सिंह और एकनूर कौर हैं।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि,” उनके माता पिता ने हमेशा ही इन्हें सहयोग दिया है। उनके सहयोग से ही वह आगे बढ़ पाई है। इसलिए वह चाहती है कि जो बच्चा खेल में आगे बढ़ना चाहता है,वह उनके लिए कुछ करें। इसी लिए वह जल्द ही मोहाली में एक बास्केटबॉल एकेडमी खोलने जा रही हैं। इस एकेडमी में वह उन बच्चों को तैयार करेंगी जिनकी बास्केटबॉल में रुचि है।
यहां देखे शिबा मग्गो की उपलब्धियां
वर्ष 1989 से 2010 तक कुल 20 सीनियर नेशनल गेम्स
खेले
वर्ष 1991 में युवा वर्ग में एक स्वर्ण पदक जीता
वर्ष 1993 में एक स्वर्ण पदक और 1994 के यूथ नेशनल में एक रजत पदक और 1991 में कांस्य पदक जीता
वर्ष 1997 से 2002 तक सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में भारतीय रेलवे के लिए खेलते हुए छह स्वर्ण पदक जीते
वर्ष 2003 से 2011 तक दिल्ली के लिए खेलते हुए
सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में एक स्वर्ण और आठ रजत पदक जीते
छह फेडरेशन कप में तीन स्वर्ण और तीन कांस्य पदक जीते।
अखिल भारतीय विश्वविद्यालय स्तर पर दो स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीता।