देश में जैसे जैसे लोग शिक्षित होते जा रहे हैं, वैसे ही लोगों में धीरे धीरे बेटा-बेटी के भेदभाव को खत्म करने के लिए जागरूकता बढ़ती जा रही है। हम रोज कुछ ना कुछ अपने आस पास देखते हैं, जिससे हमें लगता है कि लोगों के अंदर से भेदभाव खत्म होता जा रहा है।
देश में सबसे ज्यादा ये जागरूकता हरियाणा में देखती जा सकतीं हैं, समय के साथ यहां पर बहुत बदलाव आया है।पहले लड़कियों के पैदा होने पर मातम सा छा जाता था,लेकिन अब खुशियां मनाई जाती हैं। लड़को की तरह ही कुआ पूजन किया जाता है। और तो और अब लड़कियों को लड़को की तरह घोड़ी पर बैठा कर उनका बनवारा निकाला जाता हैं।
जैसे अभी हाल ही में हरियाणा के मुहल्ला मालीटीबा के सुनील खिंची ने अपनी बेटी हिमांशी की शादी में उनको घोड़ी पर बैठाकर उनका बनवारा निकाला है। सुनील खिंची ने बातचीत करने पर बताया कि, उनकी बेटी की शादी गादुवास नीमराणा के मोहित से तय हुई हैं।
वह भी लड़को की तरह ही अपनी बेटी का बनवारा निकालाना चाहते हैं। क्योंकि बेटी की शादी से भी माता पिता को वैसी ही खुशी मिलती हैं, जैसी की बेटे की शादी से मिलती हैं। क्योंकि आज के समय में बेटियां बेटो के बराबर ही नाम रोशन कर रही हैं। इसलिए हमें समाज में बेटियों के प्रति जागरूकता लानी चाहिए।
इस समाज में जागरूकता लाने के लिए ही सुनील खिंची ने अपनी बेटी का घोड़ी पर धूमधाम से बनवारा निकाला है। उनका यह क़दम पूरे समाज को एक नई प्रेरणा देगा। इस अवसर पर उनके साथ शिव कुमार खिंची, मुंशी खिंची, बिट्टु, हर्ष, शुभम और उनके सभी परिजन शामिल थें।