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हरियाणा के Surajkund मेले में इस बार एक शिल्पकार ने बनाया कुछ ऐसा कि उसकी कीमत लगी 5 करोड़

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हरियाणा के सबसे चर्चित Surajkund मेले में हर साल की तरह इस साल भी कई राज्यों के शिल्पकारो ने हिस्सा लिया है। इस बार शिल्पकार अपनी कला के बड़े ही अच्छे नमूने लेकर मेले में पहुंचे हैं। इन्हीं शिल्पकारो में से एक शिल्पगुरू गोपाल प्रसाद शर्मा इस बार यह अपनी कला का एक ऐसा नमूना लेकर मेले में पहुंचे हैं जिसकी कीमत 5 करोड़ रूपए तक लग गई हैं।

दरअसल इस बार गोपाल प्रसाद शर्मा Miniature Sculpture से बना 24 कैरेट सोने का राम दरबार लेकर Surajkund मेले में पहुंचे हैं। बता दें कि इसकी कीमत करीब 5 करोड़ रुपए लगने के बावजूद भी गोपाल प्रसाद शर्मा ने इसे बेचने से इंकार कर दिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये Master Piece आपको Stall Number 545 पर देखने को मिल जाएगा।

इस Master Piece में आपकों देखने के लिए सीता, राम, उनके तीनों भाई, उनकी मां, भक्त हनुमान, अंगद, नल-नील, सुग्रीव, विभीषण, देवी-देवता, गंर्धव और स्वर्ग अप्सरा मिल जाएगी। इस Master Piece यानी कि इस अदभुत राम दरबार को लेकर गोपाल प्रसाद का दावा है कि देश के कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने इसे पांच करोड़ रुपये में खरीदने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन इन्होंने यह कहते हुए इसे बेचने से मना कर दिया कि उनके लिए यह अनमोल कलाकृति है।

जानकारी के लिए बता दें कि गोपाल प्रसाद को ये कला अपने पूर्वजों से विरासत में मिली है। उनके पूर्वज भीलवाड़ा के बिजोलिया राज घराने के राज मिस्त्री थे। वह मुख्य तौर राजमहल और मंदिरों मे मूर्तियां बनाने का काम किया करते थे। लेकिन देश की आज़ादी के बाद उनकी ये राजशाही समाप्त हो गई और विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई।

गोपाल प्रसाद शर्मा ने अपने पूर्वजों की इसी कला को बचाते हुए उसे आधुनिकता के साथ जोड़ दिया। अब यह कला Miniature Art के नाम से जानी जाती हैं। बता दें कि गोपाल प्रसाद को इस Master Piece को बनाने में पूरे 5 साल लग गए। इसमें उन्होंने बहुत ही बारीकियों से काम किया है, जोकि वाकई शानदार है।

अब तक मिल चुके हैं इतने Award

वर्ष 1994 में जयपुर जिला अवार्ड मिला था।

वर्ष 1998 में मेवाड फाउंडेशन की ओर से आयोजित महाराण सज्जन सम्मान मिला था।

वर्ष 2002 में कला निध अवार्ड मिला था।

वर्ष 2007 में दया निधि मारन ने नेशनल अवार्ड दिया था।

वर्ष 2010 में राजस्थान सरकार ने कलामणि पुरस्कार दिया था।

वर्ष 2014 में सूरजकुंड मेले में पहली बार 40 देशों ने शिरकत की थी। उस समय इन्हें परंपरागत इंटरनेशनल अवार्ड दिया गया था।

वर्ष 2022 में शिल्प गुरु का अवार्ड ।

इतना ही नहीं गोपाल प्रसाद शर्मा ने बताया कि उन्हें 6 बार पदमश्री अवार्ड भी मिल चुका है। दो बार राजस्थान सरकार और एक बार प्रदेश के पूर्व राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया से।

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