कारगिल युद्ध के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा की जिंदगी एक बार फिर सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। जब से उनकी जीवनी पर फिल्म बनी है, लोग उनके जीवन के बारे में हर छोटी से छोटी बात जानने के लिए उत्सुक हैं। विक्रम बत्रा और डिंपल चीमा की प्रेम कहानी के बारे में जानने के लिए लोग ज्यादा से ज्यादा उत्सुक दिखा दे रहे हैं। कैप्टन बत्रा के शहीद होने के बाद उनकी प्रेमिका डिंपल ने आज तक किसी से शादी नहीं की और आज भी उनकी यादों के साथ गर्व से जी रही हैं।
वहीं कई जगहों पर लोगों ने यह भी कहा कि डिंपल विक्रम की मंगेतर थीं परंतु विक्रम के भाई विशाल बत्रा ने साफ कर दिया है कि उनके भाई और डिंपल एक-दूसरे से प्यार करते थे, परंतु उनकी शादी नहीं हो सकी थी। शहीद विक्रम बत्रा के माता-पिता ने भी डिंपल चीमा के बारे में बहुत सी बातें बताई हैं।
डिंपल से जुड़े हुए है विक्रम बत्रा के माता पिता
बता दें, कैप्टन बत्रा के पिता ने खुलासा किया कि डिंपल उनके कॉन्टेक्ट में हैं और विक्रम के पिता डिंपल को अपने और अपनी पत्नी के जन्मदिन पर साल में दो बार बुलाते हैं। उन्होंने हमेशा विक्रम और डिंपल के रिश्ते को मंजूरी दी थी। उन्होंने बताया कि जब तक मेरा बच्चा गलत रास्ते पर नहीं जा रहा है, मैंने हमेशा आजादी देना ही बेहतर समझा। विक्रम ने बताया था कि वह डिंपल से शादी करना चाहता था और इस फैसले पर मैं उसके साथ था।
कैप्टन को यादों के सहारे जीवन गुजारा
बताते चले कैप्टन विक्रम के पिता ने बताया कि हम जानते थे कि डिंपल एक संस्कारी और समझदार लड़की है जो रिश्तों को समझती है। कैप्टन बत्रा और डिंपल एक दूसरे से शादी करना चाहते थे, परंतु कारगिल युद्ध में अपने साथी की जान बचाते हुए कैप्टन विक्रम बत्रा शहीद हो गए थे। कैप्टन बत्रा के पिता ने कहा कि विक्रम की शहादत के बाद उन्होंने डिंपल से कहीं और शादी करने के लिए भी कहा था, परंतु डिंपल ने कहा कि वह विक्रम की यादों के साथ अपना जीवन गुजारेगी।
दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते है
बता दें, जब डिंपल अपनी और कैप्टन विक्रम बत्रा की कहानी बता रही थीं तो उनकी आंखों में प्यार था। राष्ट्र के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले विक्रम बत्रा डिंपल चीमा से बेहद प्यार करते थे, जिन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड से सगाई कर ली थी। शहीद विक्रम बत्रा और डिंपल चीमा कॉलेज के दिनों में चंडीगढ़ में मिले थे। वहां दोनों में प्यार हो गया था। विक्रम बत्रा को 1997 में जम्मू और कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन में लेफ्टिनेंट के रूप में भारतीय सेना में नियुक्त किया गया था। बाद में उन्हें पदोन्नत किया गया और वे कैप्टन बने।