अगर बात करें वर्तमान की तो इस समय माता के दिन चल रहे हैं जिन्हें नवरात्रि कहते हैं यह चैत्र नवरात्रि हैं जिसमें लोग माता की असीम भक्ति करते हैं और व्रत भी करते हैं। ऐसे में आज मैं अपने लेख के माध्यम से एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाला हूं जहां नवरात्रि के 9 दिन माता अपने स्वरूप बदलती है। तो आइए जानते हैं ऐसे मंदिर के बारे में।
आज जिस मंदिर के बारे में मैं आपको बताने वाला हूं वह श्री भोजा देवी मंदिर के नाम से भिवानी के नए बाजार में विख्यात है। यह बहुत ही प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां माता की मूर्ति के नाक को बिधा गया है। ऐसी मूर्ति पूरे भारत में और कहीं नहीं है।कहा जाता है कि मंदिर की मूर्ति पूरे 9 दिन माता के स्वरूप दिखाती है और माता के चेहरे के भाव भी बदलते हैं।

अगर बात करें मंदिर के इतिहास की तो इस मंदिर को भोजा जाति के लोगों ने बनाया था। ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर लगभग 700 साल पहले रेहड़े पर माता की मूर्ति लेकर कुछ लोग भिवानी के रास्ते से जा रहे थे।मूर्ति लेकर जाने वाले लोगों को विश्राम करने का मन हुआ तो उन्होंने यहां पेड़ के नीचे आराम किया और माता की मूर्ति को वही रख दिया।

थोड़ी देर बाद जो मूर्ति को वहां से ले जाने का प्रयास किया तो माता की मूर्ति वहां से हिली ही नहीं। इसके बाद आकाशवाणी हुई और कहा कि माता का मंदिर यहीं पर स्थापित किया जाए। तभी से वह मंदिर यहीं पर स्थापित है।भक्तजनों का मानना है कि इस मंदिर में माता के नौ दिन ना केवल स्वरूप बदलती है, बल्कि चेहरे के भाव भी बदलती हैं।

मंदिर के पुजारी भानु शर्मा ने बताया कि भिवानी के नया बाजार स्थित भोजा देवी का प्राचीन मंदिर बहुत ही बड़ा और सुंदर है। इसकी विशेषता यही है कि माता की मूर्ति का नाक विधा हुआ है और उनका चेहरा बहुत ही प्रसन्न मुद्रा में है। यहां नौ के 9 दिन माता का स्वरूप बदलता है।यहां पर दूर-दूर से लोग माता के दर्शन करने आते हैं।

मंदिर में आने वाले भक्तों का कहना है के इस मंदिर में जो भी आता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उनका कहना है कि यहां माता के मंदिर में 500 से ज्यादा ज्योत जलाई जाती हैं। और 9 के 9 दिन तक वह जलती रहती हैं। इस मंदिर में नवरात्रों में हलवा, छोले व फल फ्रूट का प्रसाद भी बांटा जाता है।