आज के समय में बेटियां किसी से भी पीछे नहीं है। हर वर्ग में बेटियां अपनी एक अलग पहचान बना रही है। अगर बात करें हरियाणा की बेटियों की तो आपने कई सारी सक्सेस स्टोरीज हरियाणा की बेटियों की देखी होंगी। ऐसी ही एक सक्सेस स्टोरी आज मैं आपको बताने वाला हूं जो कि मुक्केबाज नीतू घनघस की है।
मिनी क्यूबा भिवानी की मुक्केबाज नीतू घनघस ने 48 किलो भार वर्ग में दिल्ली में चल रही विश्व महिला मुक्केबाजी में गोल्ड पंच लगाकर देशवासियों एवं हरियाणा वासियों का शेर गर्व से ऊंचा कर दिया। इस मुक्केबाज के राइट पंच काफी शानदार रहे l वह बहुत ही एग्रेसिव और काउंटर दोनों खूब संभाल कर खेली।
आपको बता दे, मंगोलियाई मुक्केबाज के सेमीफाइनल मुकाबले की वीडियो देखने के बाद नई रणनीति के साथ वह रिंग में उतरी ओर स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रही।
बता दे, नीतू घनघस मंगोलियाई मुक्केबाज से फाइनल में पहली बार बीड़ी। उसने उसके पहले खेल का वीडियो देखा। इसके अलावा अब तक के जीते मुकाबलों से वह भरपूर ऊर्जा के साथ रिंग में उतरे। एकतरफा मुकाबले में 5- 0 से स्वर्ण जीतने में वह सफल रहे। इस इस बार वह मैरीकॉम के भार वर्ग में खेलने उतरी और खुद को साबित करने में सफल रही।
मिनी क्यूबा भिवानी के गांव धनाना निवासी मुक्केबाज नीतू घनघस के नाम इससे पहले मुख्य रूप से ये उपलब्धियां हैं:
वर्ष 2017 और 2018 की युवा की दो बार की विश्व चैंपियन
वर्ष 2022 बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडलिस्ट है।
इस गेम को जीतने के बाद उसके पूरे गांव में जश्न का माहौल है। एकतरफा जीत बेटियों के लिए प्रेरणा है। पिता जय भगवान और ताऊ रणवीर प्रधान ने बेटे पर बहुत प्यार लुटाया। वही नीतू के भाई सीटू घनघस ने कहा कि मेरी बहन ने कमाल कर दिया और खेल प्रेमियों को उन पर बहुत गर्व है। वह ओलंपिक में भी गोल्ड पंच लगाएंगी हमे पूरा भरोसा है।