जैसा कि हम सभी जानते ही हैं कि देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी परीक्षा है। जिसको पास करना हर किसी के बस की बात नहीं है। इसको पास करना किसी बड़े चैलेंज से कम नहीं है और यह चैलेंज और भी बड़ा हो जाता है जब आप हफ्ते में 2 दिन यानी शनिवार और रविवार में पढ़ाई करके आईआरएस बन जाए।
आपको बता दे, ऐसा ही हरियाणा की देवयानी सिंह ने करके दिखाया है। आज हम आपको दिव्यानी सिंह की सक्सेस स्टोरी के बारे में बताएंगे। जिन्होंने पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

अगर बात करें, देवयानी की स्कूली शिक्षा की तो उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई चंडीगढ़ के एक स्कूल से की है। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद देवयानी ने साल 2014 में बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी के गोवा केंपस के इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंट इंजीनियरिंग कोर्स में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया था।

आपको बता दे, इसके बाद से ही उन्होंने यूपीएससी के परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और आगे चलकर यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को उन्होंने पास करके सभी के लिए एक मिसाल कायम की।

बता दे, देवयानी ने यह परीक्षा एक ही बार में पास नहीं की थी। वह लगातार तीन बार इस परीक्षा में फेल हुई थी और चौथे प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल की थी ।साल 2015 और 16 में देवयानी यूपीएससी प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाई थी। जबकि साल 2017 में तीसरे अटेंड के बाद वह इंटरव्यू राउंड राउंड तक पहुंच गई थी।

लेकिन फाइनल लिस्ट में उनका नाम नहीं आया। लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और साल 2018 में चौथी बार अटेंड किया जिसमें उन्हें 222 वी रैंक के साथ इस परीक्षा को क्रैक किया। रैंक के मुताबिक देवयानी को सेंट्रल ऑडिट विभाग में नियुक्त किया गया।

यूपीएससी का एग्जाम क्लियर कर लेने के बाद भी ट्रेनिंग के दौरान देवयानी ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। हालांकि ट्रेनिंग के कारण परीक्षा की तैयारी के लिए समय नहीं मिल पाता था। ऐसे में उन्होंने वीकेंड यानी शनिवार और रविवार को पढ़ना शुरू किया। नतीजा ये रहा है कि देवयानी ने साल 2019 में ऑल इंडिया में 11वीं रैंक हासिल की।