हरियाणा का इतिहास बहुत ही ज्यादा शानदार रहा है और लोगों को इसके इतिहास के बारे में जानने का काफी शौक भी रहता है। तो आज मैं अपने इस लेख के माध्यम से आपको हरियाणा के एक ऐसे जिले के बारे में बताने वाला हूं जो कि बहुत ही पुराना है। एक बात आपको बता दूं यह जिला महाभारत के समय से है। तो आइए जानते हैं कौन सा है वह राज्य।
बता दे, जिस जिले की मैं बात कर रहा हूं उसकी स्थापना 26 अगस्त 1975 में की गई थी। जी हां, मैं बात कर रहा हूं हरियाणा राज्य के सिरसा जिले की। जो कि हिसार मंडल के तहत आता है।
आपको बता दें, क्षेत्रफल के हिसाब से यह जिला हरियाणा का सबसे बड़ा जिला है। इस जिले की जनसंख्या घनत्व सबसे कम 303 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। सिरसा जिले को सरस्वती नगर, संतों की नगरी, वन नगरी डेरो की भूमि आदि अन्य नामो से भी जाना जाता है।
आपको बता दें, हमारे जो प्राचीन ग्रंथ है उनमें भी सिरसा जिले का वर्णन किया गया है। सिरसा शब्द की उत्पत्ति प्राचीन संस्कृति शब्द शिरीषका से हुई है। प्राचीन काल में सिरसा को शिरीषका के नाम से जाना जाता था।
बता दें, महाभारत में नकुल दिग्विजय नामक खंड में भी सिरसा जिले का नाम लिया गया है। कहा जाता है कि पांडु पुत्र नकुल ने सिरसा को जीता था तब सिरसा जिले का नाम शिरीषकम था। शिरीष वनों की अधिकता होने की वजह से भी इस जिले का नाम सिरसा पड़ा।
इन सब चीजों से यह तो आपको पता चल ही गया होगा कि हरियाणा के सिरसा जिले का इतिहास बहुत ही पुराना है। यहां पर धन की बहुलता थी जिस वजह से यह जिला राजाओं के आक्रमण का भी एक केंद्र बना रहा था। 22 अगस्त 1320 में खिलजी वंश के अंतिम शासक नसीरुद्दीन खुसरो शाह और देपालपुर के गवर्नर गाजी मलिक के बीच सिरसा जिले में युद्ध हुआ था।
सिरसा जिले में ऐतिहासिक नगर रानियां भी स्थित है। इसकी स्थापना 14 वी शताब्दी में राय बीरू ने की थी। सिरसा जिला अपनी सीमा पंजाब, राजस्थान के साथ बनाता है। यह जिला बठिंडा रेवाड़ी रेल मार्ग तथा दिल्ली फाजिल्का राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है।
सिरसा जिले में बहुत सारे धार्मिक स्थल भी हैं जिनमें से कुछ प्रमुख धार्मिक स्थलों के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं:
डेरा सच्चा सौदा: यह स्थल सिरसा जिले के बेगू रोड पर स्थित है और इसकी स्थापना 1948 में संत शाह मस्ताना जी ने की थी।
दादी सती का मंदिर: यह मंदिर सिरसा जिले के कुमारिया गांव में स्थित है। यहां हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को पूजा होती है और मेला भी लगता है।
गुरुद्वारा चोरमार शहिदा: सिरसा जिले के गांव चोरमार में स्थिति यह गुरुद्वारा चोरमार शहीदा भी हरियाणा में आए उन साधु-संतों की याद दिलाता है जो अपनी राह से भटके लोगों को समझाने के लिए हरियाणा में आए थे।
हरियाणा का यह जिला जिसे राजनीति का गढ़ भी माना जाता है। पूर्व उप प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री देवीलाल उसी जिले के थे। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का संबंध भी सिरसा से ही है। लीलाधर दुखी स्मारक की स्थापना 26 अगस्त 2001 को सिरसा में ही की गई थी।
आपको बता दे, हरियाणा के इस जिले में सिंचाई घग्गर नदी के द्वारा की जाती है। इस जिले में भारतीय वायु सेना का मिलिट्री बस स्टेशन भी है। हरियाणा का पहला कैशलेस गांव मिलावली भी सिरसा में ही स्थित है।